नई दिल्ली, 06 मार्च, (वीएनआई) सर्वोच्च न्यायलय ने आज अयोध्या मामले में सुनवाई करते हुए इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायलय की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि कोर्ट चाहता है कि आपसी बातचीत से इसका हल निकले।
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने पांच जजों की पीठ की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। हालांकि कोर्ट ने कोई तारीख तय नहीं की। 26 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मध्यस्थता के माध्यम से इस मामले में एक सौहार्दपूर्ण हल का सुझाव दिया था और 6 मार्च के लिए अपना आदेश सुरक्षित रखा था। गौरतलब है मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के अलावा इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ कर रही है।
संवैधानिक पीठ ने कहा कि हमें इसकी चिंता नहीं कि मुगल शासक बाबर ने क्या किया, उसके बाद क्या हुआ। हम वर्तमान हालात पर बात कर रहे हैं। बोबडे ने कहा कि यह भावनाओं के बारे में है, धर्म के बारे में है और विश्वास के बारे में है। हम विवाद की गंभीरता के प्रति सचेत हैं। यहां मध्यस्थ होने की जरूरत नहीं है, लेकिन मध्यस्थों का एक पैनल है। जब मध्यस्थता चालू होती है, तो उस पर रिपोर्ट नहीं की जानी चाहिए। इस पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू होने पर किसी भी मकसद को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जहां मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की तरफ से निर्मोही अखाड़ा मध्यस्थता के लिए तैयार दिखा। वहीं हिंदू महासभा और रामलला पक्ष ने इस पर सवाल उठा।
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