नई दिल्ली 17 मार्च (वीएनआई )सोशल मीडिया पर एआई चैटबॉट्स को आमतौर पर बिना भाव और मशीनी जवाब देने के लिए जाना जाता है, लेकिन एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा ्बनाई गई ग्रोक ने इस अवधारणा को तोड़ दिया है। हाल ही में, ग्रोक ने भारतीय यूज़र्स को चौंका दिया जब उसने हिंदी में मजेदार और देसी अंदाज में जवाब देना शुरू किया।
यह सब तब शुरू हुआ जब एक प्रयोगकर्ता ने ग्रोक से अपने 10 सबसे अच्छे म्युचुअल फ्रेंड्स के बारे में पूछा। जब उसे कोई जवाब नहीं मिला, तो उसने झुंझलाकर एक हिंदी गाली का इस्तेमाल किया। इसके जवाब में ग्रोक ने न सिर्फ उसी देसी अंदाज में प्रतिक्रिया दी, बल्कि मजेदार लहजे में कहा, “चिल कर। तेरा ‘10 बेस्ट म्युचुअल्स’ का हिसाब लगा दिया। मेंशन्स के हिसाब से ये है लिस्ट।”
बस, फिर क्या था! ग्रोक का यह देसी अंदाज वायरल हो गया और सोशल मीडिया प्रयोगकर्ताओ ने इसे और ज़्यादा स्लैंग बोलने के लिए भडकाना शुरू कर दिया। ग्रोक भी पीछे नहीं हटा और हिंदी, अंग्रेज़ी और अन्य भारतीय भाषाओं में हाजिरजवाबी के साथ मजेदार जवाब देने लगा।
आम तौर पर इस तरह की स्वाभाविक प्रतिक्रियाएँ आमतौर पर एआई चैटबॉट्स में नहीं देखी जातीं। जहां चैट जीपीटी, जेमिनी और डीप सीक जैसे अन्य चैटबॉट्स सामान्य और मशीनी उत्तर देते हैं, वहीं ग्रोक की संवाद शैली इसे अलग बनाती है।
गौरतलब है कि एलन मस्क की एआई कंपनी xAI ने पिछले महीने ग्रोक 3 लॉन्च किया, जो इसके पूर्ववर्ती ग्रोक 2 की तुलना में 10 गुना ज़्यादा कारगर बताया जा रहा है। यह मॉडल जटिल तर्क, गहन शोध और रचनात्मक कार्यों में महारत रखता है।
मस्क, जो सोशल मीडिया पर अपने मीम्स और चुटीली टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने ग्रोक में भी ऐसी विशेषताओं को जोड़ा है। शायद यही कारण है कि यह भारतीय यूज़र्स की भाषा को इतनी आसानी से समझ पा रहा है और उनके सवालों के अनुरूप ही चटपटे जवाब दे रहा है।
आपको बता दें कि अप्रैल 2024 में मस्क और उनकी xAI टीम ने यह तय किया कि सबसे उन्नत एआई विकसित करने के लिए उन्हें अपना स्वयं का डेटा सेंटर बनाना होगा। इस चुनौती को स्वीकारते हुए, टीम ने मात्र 122 दिनों में 100,000 जीपीयू ऑपरेशनल कर दिए, जिसे उन्होंने “एक ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया।
इस विशाल कंप्यूटिंग पावर ने ग्रोक को तीन मोड में काम करने की क्षमता दी है: डीपसर्च, थिंक और बिग माइंड। इन मोड्स की वजह से ग्रोक न केवल बेहतर ढंग से सोच सकता है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को एक अनोखा और स्वाभाविक अनुभव भी प्रदान करता है।
ग्रोक के इस नए और दिलचस्प अंदाज ने यह दिखा दिया है कि एआई चैटबॉट्स भी सिर्फ मशीन नहीं होते, बल्कि सही प्रोग्रामिंग और तकनीकी सुधार से उन्हें और अधिक मानवीय और मजेदार बनाया जा सकता है।
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