स्टॉकहोम/नई दिल्ली, 18 अप्रैल (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत आज बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, और पिछले चार वर्षो में उनकी सरकार ने एक विकसित और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में कार्य किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2022 तक एक नया भारत बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने स्टॉकहोम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहलों के जरिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत एक बार फिर विश्व के नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरे। मोदी ने कहा कि विश्व भारत की ओर भरोसे के साथ देख रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने मानवीय सहायता एवं बचाव प्रयासों, अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन और महत्वपूर्ण मंचों की सदस्यता जैसे एमटीसीआर, वाजेनर समझौते एवं ऑस्ट्रेलिया समूह की सदस्यता मिलने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व भारत की तकनीकी क्षमता को मान्यता दे रहा है, जिसमें अंतरिक्ष कार्यक्रम भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल संरचना के कारण सरकार और नागरिकों के बीच संबंध का तरीका बदल रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक जवाबदेही और पारदर्शिता ला रही है। उन्होंने कहा कि अब सरकार तक पहुंचना विशेषाधिकार नहीं, बल्कि व्यवहार हो गया है। इस संदर्भ में उन्होंने फाइलों के शीघ्र निपटारे, व्यापार करने की सुगमता, जीएसटी, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस की उपलब्धता का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के जरिए उद्यमियों को नए अवसर उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक मुद्रा योजना के लाभार्थियों में से 74 फीसदी महिलाएं हैं। उन्होंने अटल नवोन्मेष अभियान, स्किल इंडिया और स्टॉर्ट-अप इंडिया का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी भी कायम कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने स्वीडन के साथ नवोन्मेष भागीदारी और इजरायल के साथ भी ऐसी ही एक पहल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जीवन को सरल बनाने पर जोर दे रही है। इस संदर्भ में उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कदम भारत में एक व्यापक परिवर्तन की ओर संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में स्वीडन एवं अन्य नॉर्डिक देशों के साथ भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों से कहा कि उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को केवल एक भावनात्मक संबंध के रूप में ही सीमित नहीं रहने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उभरता हुआ नया भारत उन्हें नवाचार, व्यापार एवं निवेश के लिए भी अवसर उपलब्ध कराता है।
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