नई दिल्ली, 11 सितम्बर (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि अगर किसी को वंदे मातरम कहने का हक है, तो सबसे पहले यह हक हमारी सड़कों को साफ करने वाले सफाईकर्मियों को होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने 1893 में स्वामी विवेकानंद के शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि हम जो अपनी गलियों में कचरा फैलाते व थूकते हैं, उसके बाद क्या हमें 'वंदे मातरम' कहने का अधिकार होना चाहिए। मोदी ने कहा, "यदि किसी को वंदे मातरम कहने का अधिकार किसी और से पहले होना चाहिए तो यह भारत माता के उन बच्चों को होना चाहिए जो हमारी सड़कों को साफ करते हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने आसपास सफाई करें या नहीं, लेकिन हमे इसे गंदा करने का कोई अधिकार नहीं है।"
मोदी ने पूजा स्थलों से पहले शौचालय बनवाने का आह्वान किया और कहा कि उन्हें उन महिलाओं पर गर्व है जिन्होंने उन परिवारों में शादी करने से इनकार कर दिया जिन घरों में शौचालय नहीं थे। प्रधानमंत्री ने कहा, शौचालय पहले मंदिर बाद में। स्वामी विवेकानंद को अपनी श्रद्धांजलि में उन्होंने कहा कि विवेकानंद दूरदर्शी थे। मोदी ने समाज सुधारक के पूर्व ज्ञान के बारे में कहा, "किसने सोचा होगा कि किसी को 125 साल पुराने भाषण को याद करने में रुचि होगी..महज कुछ शब्दों से एक भारतीय युवा ने दुनिया जीत ली थी और इसकी एकता की शक्ति को दुनिया को दिखाया था।"
No comments found. Be a first comment here!