श्रीहरिकोटा, 25 जनवरी, (वीएनआई) इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने बीते गुरुवार रात को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट कलामसैट लॉन्च कर इतिहास रचते हुए गणतंत्र दिवस से पहले देश को तोहफा दिया है।
इसरो ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक पीएसएलवी सी-44 की मदद से माइक्रोसैट-आर सैटेलाइट के अलावा एक सैटेलाइट कलामसैट लॉन्च किया है। इससे पहले गुरुवार को डीआरडीओ ने भी आईएएनएस चेन्नई से जमीन से हवा में मारने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक टेस्ट किया। इसरो का पीएसएलवी के साथ यह 46वां मिशन है। पहला मौका है जब किसी छात्र की ओर से तैयार किसी सैटेलाइट को लॉन्च किया गया। वहीं इसरो ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीसएलवी सी-44 इच्छित कक्षा में प्रवेश कर चुका है। आगे ट्वीट करते हुए कहा, 'इसरो भारत के सभी छात्रों के लिए खुला है। अपने सैटेलाइट को हमारे पास लाओ और हम इसे आपके लिए लॉन्च करेंगे। आइए, हम भारत को एक विज्ञान-निष्पक्ष राष्ट्र बनाते हैं।'
गौरतलब है कलामसैट सैटेलाइट को भारतीय छात्रों के एक समूह ने तैयार किया है। इसका नामकरण देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है। कलामसैट दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट है। इसरो ने हर सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन में PS-4 प्लेटफॉर्म को छात्रों के बनाए सैटेलाइट के लिए प्रयोग करने का फैसला किया है। कलामसैट इतना छोटा है कि इसे 'फेम्टो' की श्रेणी में रखा गया है।
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