नई दिल्ली, 25 मई, (वीएनआई) देश में कोरोना वायरस के कारण पिछले दो महीने से लागू लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों के पलायन पर विपक्ष द्वारा सरकार की नीतियों पर उठाये जा रहे सवालों के बाद अब पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन ने भी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा प्रवासी संकट पर बेहतर योजना बन सकती थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने अपने बयान में कहा, लॉकडाउन के कारण प्रवासी संकट से निपटने के लिए कुछ और उपाए किए जा सकते थे। उन्होंने कहा, प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा बहुत गंभीर है, सड़कों पर चलने वाले प्रवासी श्रमिकों की तस्वीरें सामने आती रहती हैं और ऐसा नहीं है कि कोई उनके साथ नहीं गया हो। उन्होंने कहा, देशभर के सभी मजदूरों ने अपने गृह राज्य की ओर पलायन कर लिया है। सरकार ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से मुफ्त राशन और अतिरिक्त रोजगार प्रदान करने जैसे उपायों की बात की है, लेकिन भोजन और आश्रय के बिना यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों को जो प्रदान किया जाना चाहिए था, वह वास्तव में पका हुआ भोजन है, जैसे कि सूखा या बाढ़ के दौरान हम पीड़ितों को सहायता प्रदान करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले श्रमिकों को कुछ नकद सहायता दी जा सकती है। इस संकट की घड़ी में हम उनके लिए बेहतर योजना बना सकते थे और प्रवासी श्रमिकों से संबंधित व्यय को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता था।
गौरतलब है देशबंदी का सबरे बुरा प्रभाव दिहड़ी मजदूरों पर पड़ा है जो रोजगार की तलाश में अपने गृह राज्य से दूर किसी अन्य स्थान पर जाते हैं।
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