नई दिल्ली 19 अप्रैल (वीएनआई) मोदी सरकार ने वीआईपी संस्कृति पर कड़ी चोट करते हुए आज एक अहम फैसला लिया जिसमे राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और लोक सभा के स्पीकर के अलावा अधिकारियों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जजों को अपनी कारों पर लालबत्ती इस्तेमाल करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है , दिलचस्प बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे .यह फैसला 1 मई से लागू होगा अब केवल आपातकालीन वाहनों को नीली बत्ती इस्तेमाल की अनुमति होगी
गौरतलब है कि कि सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लाल बत्ती को खत्म करने का फैसला किया था। आप के किसी मंत्री को भी लाल बत्ती की गाड़ी का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद विधान सभा चुनाव 2017 में जीत दर्ज करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लाल बत्ती पर रोक लगाई। उसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी ऐसा ही किया।
बता दें कि सितबंर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में लाल बत्ती के सीमित इस्तेमाल की पैरवी की थी. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी. गडकरी ने उस समय के बाद से चल रही प्रक्रिया, विभिन्न मंत्रालयों के साथ हुए पत्राचार, कानूनी राय और अब तक मिले सुझावों का ब्योरा भी प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा था. जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.