नई दिल्ली,27 जून (सुनीलकुमार/वीएनआई)' मुसाफिर हूं यारो ,'तुझ से नाराज नही जिंदगी,' 'तेरे बिना जिंदगी से शिकवा तो नही,'मोनिका ओ माई डार्लिंग,'महबूबा- महबूबा' जैसे बहुरंगी गीतो की संगीत लहरियो से श्रोताओ को मंत्र मुग्ध कर देने वाले महान संगीतकार राहुल देव बर्मन पंचम के 77 वें जन्मदिन पर गूगल ने इस बहुमुखी प्रतिभाशाली संगीतकार को याद किया है. इस मौक़े पर गूगल ने उनके लिए उनके स्केच का ख़ास डूडल बनाकर अपना सलाम पेश किया है.
60, 70 और 80 के दशक में पंचम के एक के बाद एक सुपरहिट गानो ने धूम मचा दी थी. संगीत के उनके निरंतर नये प्रयोग ने उन्हे उस दौर मे संगीत का बादशाह बना दिया था.वे विविधतापूर्ण और प्रयोगधर्मी संगीत के प्रयाय बन गये.मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के बेटे पंचम ने पिता के पंरपरागत संगीत से हट कर अपने लिये एक नयी संगीत विधा का राह बनाई और खूब नाम कमाया. इस उन्हे हिंदी फ़िल्मों में आधुनिक संगीत का जनक माना जाता है.किशोर कुमार, लता मंगेशकर और आशा भोसले ने उनके कई यादगार गीतों को अपनी आवाज़ दी.
चार जनवरी 1994 को आरडी बर्मन का निधन हो गया था. लेकिन यह भी कड़वा सच है कि सफलता के शिखर के बाद काफी दिनो तक वे अच्छे काम के लिये भटकते रहे और वे उस दौर मे अकेले से पड़ गये.
विधु विनोद चोपड़ा की फ़िल्म '1942 अ लव स्टोरी' उनके संगीत से सजी आख़िरी फ़िल्म थी. एक लड़्की को देखा तो ऐसा लगा जैसे इसके गाने सुपरहिट हुए लेकिन अपनी इस आख़िरी कामयाबी को देखने से पहले ही शायद पंचम दुनिया छोड़ चुके थे.शायद गुनगुना रहे थे मुसाफिर हूं यारो-हम सब का सलाम अनंत की यात्रा पर् निकल चुके इस सुरीले मुसाफिर को...