नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (वीएनआई)| भारत ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात पर चीन के आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु ने जिस कार्यक्रम में भाग लिया वह 'गैर राजनीतिक' था। भारत ने कहा कि दलाई लामा एक सम्मानीय आध्यात्मिक नेता है,और तिब्बत के मुद्दे पर भारत का रूख लगातार एक सा रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चीन के आरोपो पर प्रतिक्रिया् व्यक्त करते हुए कहा 'इस मुद्दे पर भारत का रूख लगातार एक सा रहा है। धर्मगुरु दलाई लामा एक सम्मानति और प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता हैं। नोबेल पुरस्कार विजेताओं द्वारा आयोजित यह एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम था जो बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित था।'
तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा की राष्ट्रपति से मुलाकात पर चीन ने अपनी नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।चीन ने इस मुलाकत पर नाराजगी जताते हुए कहा थाकिदलाई लामा एक धर्म गुरू की आड़ मे अलगाववादी नेता है.
इस समारोह में कई नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं ने हिस्सा लिया था। इस महीने की शुरुआत में चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु के अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
गौरतलब है चीन ने दलाईलामा की हाल के मंगोलिया दौरे पर भी नाराजगी जताई थी। इसे लेकर चीन ने मंगोलिया के ट्रकों पर चीनी क्षेत्र में शुल्क में बढ़ोतरी कर दी थी। बीजिंग 14वें दलाई लामा पर अलगाववादी गतिविधियों का आरोप लगाता रहा है। निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा साल 1959 से भारत में है। हालांकि आधात्मिक धर्मगुरु का कहना है कि वह सिर्फ तिब्बत की स्वायत्तता चाहते हैं।