अपना "अर्थ" और "भाव" खो बैठी राजनीति, स्वतंत्र भारत की विडंबनाः पुनर्स्थापित करने के प्रयास - राजनाथ सिंह

By Shobhna Jain | Posted on 12th Jul 2021 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली,११ जुलाई (शोभनाजैन/वीएनआई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैं कि राजनीति और धर्म साथ साथ चलें,यही आदर्श व्यवस्था हैं, लेकिन स्वतंत्र भारत की विडंबना यह रही कि राजनीति अपना वो अर्थ और भाव खो बैठी हैं,अब हम प्रयास  कर रहे हैं हैं कि  हम उसे पुनः  ्प्राप्त करें.


रक्षा मंत्री कल यहा जैन गणिनी प्रमुख आर्यिका शिरोमणि ज्ञान मति माताजी के सान्निध्य में आयोजित समारोह में बोल रहे थे.उन्होंने कहा कि समाज को जो व्यवस्था सद्मार्ग की और ले जायें, वहीं नीति राजनीति हैं. स्वतंत्र भारत की विडंबना यह रही कि राजनीति अपना अर्थ और भाव खो बैठी , ्हम सब इसे पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं.इस अवसर पर शी सिंह ने श्री ऋषभ देव विश्व शांति केन्द्र का भी उद्घाटन किया और माता जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से राजधानी के कनॉट प्लेस स्थित जैन दिगंबर मंदिर मे  स्थापित ३१ फुट उंची भगवान भरत के भी उन्होंने दर्शन कियें. इस प्रतिमा का गत २० जुलाई से  प्रथम मस्तकाभिषेक चल रहा हैं.बड़ी तादाद में श्रद्धालु मस्तकाभिषेक मे हिस्सा ले रहे हैं. कल दिल्ली सरकार के स्व्वास्थय मंत्री सत्येन्द्र जैन ने प्रतिमा के विशेष पंचामृत अभिषेक में हिस्सा लिया.  अवसर पर आचार्य श्री अनेकांत सागर जी महाराज, प्रज्ञा श्रमणी आर्यिका चंदना माता जी, माताजी के शिष्य स्वस्ति रवीन्द्र कीर्ति महा स्वामी जी ने भी  बड़ी तादाद में वहा मौजूद श्र्द्धालुओं को  और श्री सिंह को आशीर्वाद दिया.श्री सिंह ने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही आत्मिक सुख हैं और जो व्यवस्था हमें सन्मार्ग और विराट की और ले जाती हैं वहीं परमात्मा को प्राप्त करने का मार्ग हैं.कामना हैं कि सभी को ऐसा  आत्मिक सुख प्राप्त हो श्री सिंह ने कहा कि यह उन का सौभाग्य हैं कि उन्हें माताजी का आशीर्वाद मिलता रहा हैं.इस मौके पर अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा परिषद के अध्यक्ष डॉ जीवन प्रकाश ने बताया कि  माता जी ने विशेष तौर पर उन के जन्म दिवस पर  उन्हें सद मार्ग पर यूं ही चलतें रहने और उनकी और उन की सरकार के मंगल का  आशीर्वाद दिया. श्री प्रकाश ने बताया कि  श्रद्धालुओं के अत्याधिक निवेदन को देखते  हुयें पुज्य गणिनी प्रमुख  ने आज ही अपने संघ की चातुर्मास स्थापना  हस्तिनापुर के  पूर्व निर्धारित स्थल के बजाय दिल्ली में किये जाने की भी घोषणा की जिस से श्रद्धालुओं को उन का आशीर्वाद व आशीर्वचन  अविरल सुनने को मिलतें रहें.्डॉ जीवन ने बताया कि इस पावन बेला में अनेक आध्यात्मिक, धार्मिक आयोजन कियें जायेंगें.वी एन आई 


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