नई दिल्ली, 30 मई । दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत विभिन्न वस्तुओं के लिए प्रस्तावित कर दरों को लेकर चिंता जताई और कहा कि केंद्र सरकार को निम्न कर-अधिक अनुपालन के फार्मूले पर काम करना चाहिए।
सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी को आम लोगों और कारोबारियों को ध्यान में रखकर लागू किया जाना चाहिए।
सिसोदिया ने साथ ही कई वस्तुओं पर प्रस्तावित कर दरों पर फिर से विचार करने की मांग भी की है।
सिसोदिया ने यहां पत्रकारों से कहा, "हम जीएसटी नीति की सराहना करते हैं और बुधवार को हम विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित करेंगे, लेकिन प्रक्रियागत मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।"
सिसोदिया ने कहा, "दवाओं, जूते-चप्पल, पेपर क्लिप, शौचालय के उपकरण, संगमरमर जैसी अति आवश्यक वस्तुओं पर लगाए गए कर की दर पर फिर से विचार होना चाहिए।"
सिसोदिया ने मंगलवार को 32 व्यापार मंडलों से मुलाकात की, जिन्होंने सिसोदिया से विभिन्न वस्तुओं पर प्रस्तावित कर दरों को लेकर उनसे अपनी चिंता जाहिर की।
सिसोदिया ने कहा, "आज (मंगलवार) मैंने कारोबारियों से मुलाकात की और उनसे उनके विचार जानें, जिन पर चर्चा की जरूरत है। जीएसटी परिषद की तीन जून को होने वाली अगली बैठक में मैं इन मुद्दों को उठाऊंगा।"
सिसोदिया ने कहा कि कारोबारियों ने उनसे जीएसटी में ऊंची कर दरों और जटिलता की समस्या बताई है और नई कर दरों को लेकर वे चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, "होटल उद्योग, ऑप्टिकल लेंस उत्पादक, किराना व्यापारी सभी ने 18-28 फीसदी के टैक्स स्लैब को लेकर चिंता जाहिर की, जबकि यह पहले पांच फीसदी था।"
सिसोदिया ने कहा कि आजादी के बाद देश में जीएसटी सबसे बड़ा कर सुधार होगा, इसलिए इसे उद्योग जगत और कारोबारियों को ध्यान में रखकर लागू करना चाहिए।--आईएएनएस