नई दिल्ली, 19 मई । निर्वाचन आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की शंकाओं को दूर करने के उद्देश्य से शनिवार को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की कार्यप्रणाली से लोगों को अवगत कराने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
आयोग इसी कार्यक्रम में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर विपक्षी पार्टियों की चिंता के मद्देनजर ईवीएम को हैक किए जाने की चुनौती के समाधान की तारीखों की घोषणा भी करेगा।
निर्वाचन आयोग की घोषणा के मुताबिक, ईवीएम व वीवीपैट की कार्यप्रणाली प्रदर्शित किए जाने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया जाएगा।
बीते 12 मई को एक सर्वदलीय बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने घोषणा की थी कि वह विपक्षी पार्टियों की ईवीएम को हैक करके दिखाने की चुनौती को स्वीकार करेगा। विपक्षी पार्टियों ने शंका जताई है कि फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
आयोग ने यह भी घोषणा की थी कि भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वीवीपैट मशीनों के साथ होंगे।
वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता को मालूम पड़ता है कि उसने जिस उम्मीदवार के पक्ष में ईवीएम का बटन दबाया, उसका वोट उसी को गया।
कई विपक्षी पार्टियों ने विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, लेकिन आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी।
आप ने निर्वाचन आयोग के ईवीएम को हैक कर दिखाने की चुनौती को स्वीकारने का स्वागत किया है, लेकिन 'हैकथॉन' पर जोर दिया। पार्टी ने कहा कि मौका मिलने पर वह साबित करके दिखा देगा कि मशीनों को हैक किया जा सकता है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने देश में मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराने की मांग की है। विपक्षी पार्टियों के बीच ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका तब घर कर गई, जब गुजरात से ए.के. जोती को निर्वाचन आयोग में लाया गया। जोती नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते उनके मुख्य सचिव थे।
--आईएएनएस