नयी दिल्ली 11 फरवरी (अनुपमा जैन,वीएनआई)पटना: पटना हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार को जदयू अध्यक्ष शरद यादव की अध्यक्षता में बुलायी गयी जनता दल (युनाइटेड) के विधायक दल द्वारा नेता चुने जाने पर रोक लगा दी है। नीतीश को जद (यू) विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर बिहार के एक विधायक राजेश्वर राज ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
पटना हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को विधायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए नीतीश के जद (यू) विधायक दल का नेता चुने जाने पर रोक लगा दी है।
विधायक राज के अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने बताया कि सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विधायक दल का नेता चुने जाने के मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विधायक दल के नेता पद से पदमुक्त किए बगैर नीतीश कुमार को विधायक दल का नया नेता चुने जाने का आरोप लगाते हुए 9 फरवरी को विधायक राजेश्वर राज ने पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।विधायक ने याचिका में कहा है कि विधायक दल के नेता मांझी को न संवैधानिक तरीके से पदमुक्त किया गया और न ही हटाया गया तो फिर किस स्थिति में विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया गया।
मांझी पहले से ही विधायक दल के नेता का चुनाव असंवैधानिक बता रहे हैं। 7 फरवरी को जद (यू) विधानमंडल की बैठक में नीतीश को नया नेता चुना गया था। गौरतलब है कि शनिवार को शरद यादव द्वारा पटना में बुलायी गयी विधायक दल की बैठक में जदयू के 110 विधायकों में से 97 विधायक शामिल हुए थे, जिन्होंने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को अपना नेता चुना था.
इधर, नीतीश कुमार आज शाम राज्य में सरकार गठन के सवाल पर राष्ट्रपति से मिलने वाले हैं और उनके समक्ष अपने समर्थक 130 विधायकों की परेड भी करायेंगे. नीतीश ने शरद यादव व लालू प्रसाद के साथ सोमवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा करते हुए 130 विधायकों की सूची सौंपी थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर राज्यपाल उन्हें सरकार गठन के लिए नहीं आमंत्रित करेंगे तो वे समर्थक विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मिलेंगे.