राष्ट्रभक्त दानवीर भामाशाह के नाम पर बनी योजनाः माइक्रो एटीएम-पॉस मशीनों से भुगतान आसान

By Shobhna Jain | Posted on 10th Sep 2015 | देश
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जयपुुर,10 सितम्बर ( जे.सुनील,वीएनआई) राष्ट्रभक्त दानवीर भामाशाह के नाम पर बनी राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना में कैश-नॉन कैश लाभ 'ई-मित्र केन्द्रों' पर भामाशाह कार्डधारक प्रतिदिन 2000 रुपये की सीमा तक नकद निकासी या यूटिलिटी सेवाओं जैसे पानी-बिजली के बिल भुगतान सेवाओं का लाभ( बिना किसी अधिकतम सीमा के) उठा सकेंगे। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यह सुविधा ठीक उसी प्रकार की होगी जिस तरह किसी बड़े शॉपिंग मॉल, आधुनिक रेस्टोरेंट या लग्जरी होटल आदि में बिल का भुगतान जिस प्रकार ’डेबिट/क्रेडिट कार्ड’ को स्वाइप कर किया जाता है राज्य सरकार द्वारा भामाशाह योजना के तहत बैकिंग सेवाएं गांव-गांव उपलब्ध करवाने के लिए ई-मित्र केन्द्रों पर माइक्रो एटीम लगाए गए है जिनसे कार्डधारक अपने खाते से पैसे निकालने या फिर खाते में उपलब्ध राशि से ’यूटिलिटी’ (पानी-बिजली बिल) का भुगतान करने की सुविधा ई-मित्र पर प्राप्त कर सकता है। सरकार ने इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा तथा पंजाब नेशनल बैंक के साथ करार किया है जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कम से कम एक माइक्रो एटीएम की स्थापना कर बैकिंग सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। राज्य भर में ई-मित्र केन्द्रों पर 12 हजार ’माइक्रो एटीएम’ मशीनें लगाई जा चुकी है जिनमें से लगभग 8000 माइक्रो एटीएम ग्रामीण क्षेत्रों मे लगाये गये हैं। भामाशाह कार्डधारकों को अपने घर के नजदीक नकद निकासी की सुविधा प्रदान करने के लिए ई-मित्र कियोस्क को बैकिंग प्रतिनिधि (बी.सी.) भी बनवाया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा तथा पंजाब नेशनल बैंक के साथ करार के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 10-10 हजार माइक्रो एटीएम मशीनें और लगाई जायेंगी। भामाशाह कार्डधारी अपना डेबिट/रुपये कार्ड इन मशीनों पर ’स्वाइप’ कर खाते में उपलब्ध राशि में से निकासी अथवा बिलों का भुगतान कर सकेंगे। पॉस मशीनों से मिलेगा राशन (नॉन कैश लाभ):भामाशाह कार्डधारकों को अपने बायोमेट्रिक(अगुंली की छाप) सत्यापन द्वारा राशन की दुकानों से गेहूं, चीनी व केरोसिन आदि सामग्री पॉस (पीओएस-प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों के जरिये पारदर्शी तरीके से वितरण की व्यवस्था राज्य के आठ जिलों में आरम्भ की गई हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए 53 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। प्रथम चरण में अजमेर, टोंक, सीकर, झुंझुनूं, धौलपुर, बारां, बूंदी एवं झालावाड़ जिलों में पॉस मशीनों से उचित मूल्य की दुकानों पर राशन सामग्री के वितरण का परीक्षण चल रहा है। सितम्बर माह से इन जिलों में राशन सामग्री के विधिवत् वितरण की शुरूआत होगी। इन आठ जिलों के राशन डीलर्स को पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन से सम्बन्धित आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पॉस मशीनाें से राशन वितरण व्यवस्था द्वितीय चरण में कोटा, अलवर, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर व भरतपुर जिलों में लागू होगी। इसके बाद तीसरे चरण में शेष सभी जिलों में भामाशाह योजना के गैर-नकद लाभों का वितरण पॉस मशीनों से प्रारम्भ होगा। पानी के है कई फायदे ऎसे होगा राशन सामग्री का वितरण राशन की दुकान से गेहूं, केरोसिन व चीनी जैसे नॉन कैश लाभ भामाशाह कार्ड के माध्यम से प्राप्त करने के लिए कार्डधारक को अपनी पहचान के लिए भामाशाह कार्ड प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ’बायोमैट्रिक’ पहचान सत्यापित कर परिवार को देय राशन में से मांगी गई सामग्री का वितरण किया जा सकेगा। उपभोक्ता नियमानुसार भुगतान कर सामग्री ले सकेंगे तथा उन्हें इसकी कम्प्यूटराइज्ड रसीद मिलेगी। यह पॉस मशीनें, खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के ’सेन्ट्रलाईज्ड सर्वर’ तथा ’भामाशाह डेटा हब’ से इन्टरनेट द्वारा जुड़ी रहेंगी। इससे लाभार्थी द्वारा ली जाने वाली सामग्री तथा राशन डीलर के पास शेष कोटे की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शी, सुगम और सरल तरीके से राशन वितरण सुनिश्चित होगा। राशन डीलर्स को ’बायोमैट्रिक’ पहचान लेकर ही पॉस मशीनों से सामग्री वितरण के लिए पाबंद किया गया हैै। भामाशाह योजना नागरिकों को मिलने वाले सभी सरकारी लाभ पारदर्शी और प्रभावशाली तरीके से देने की योजना है। यदि किसी नागरिक के पास भामाशाह कार्ड नहीं है तो उसको सभी लाभ कार्ड बनाने तक पूर्ववत मिलते रहेंगे।

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