नयी दिल्ली 3 दिसंबर (वीएनआई) राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर को आज राष्ट्रपति भवन में देश के प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी. न्यायमूर्तिठाकुर देश के 43वें प्रधान न्यायाधीश हैं. उन्होंने अपने पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की जगह ली है़ न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर का कार्यकाल एक साल का होगा.
न्यायमूर्ति ठाकुर का जन्म चार जनवरी, 1952 को हुआ था। उन्होंने बतौर वकील अक्तूबर 1972 में अपना पंजीकरण कराया और जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में दीवानी, फौजदारी, टैक्स, संवैधानिक मामलों व नौकरी से संबंधित मामलों में वकालत शुरू की। इसके बाद उन्होंने अपने पिता प्रसिद्ध वकील डीडी ठाकुर के चैंबर में काम शुरू किया। न्यायमूर्ति ठाकुर के पिता भी जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के न्यायाधीश और फिर केंद्रीय मंत्री रहे थे।वे 1994 में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में अपर न्यायाधीश नियुक्त किये गये.
न्यायमूर्ति ठाकुर नौ अप्रैल 2008 से 11 अगस्त 2008 के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी थे।, वर्ष 2009 में न्यायमूर्ति ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया. 63 वर्षीय ठाकुर ने आइपीएल स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण में फैसला सुनाने वाले पीठ की अध्यक्षता की थी। बहुचर्चित सारदा चिट फंड घोटाले के मामले की जांच की निगरानी भी न्यायमूर्ति ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ही कर रही है।
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कर्नाटक हाइकोर्ट, दिल्ली हाइकोर्ट, पंजाब व हरियाणा हाइकोर्ट में भी काम किया है. वे उस बेंच के भी अध्यक्ष थे, जिसे बहुचर्चित सारधा घोटाले की निगरानी की जिम्मेवारी मिली थी़. न्यायमूर्ति ठाकुर चार जनवरी 2017 को अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे