दहशदगर्दी

By Shobhna Jain | Posted on 20th Jun 2020 | साहित्य
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दहशदगर्दी         

दहशदगर्दों  तुम्हारे  वाल्देंन  तुम्हे भूल गए सिखाना

आसान है किसी चीज़ को मिटाना  मुश्किल है उसे बनाना 

दहशदगर्दों तुम जो करते हो धमाके ,चलाते  हो बम

बहाते हो खून की नदियाँ,दे जाते हो लोगों को अश्क ,दे जाते हो गम  

 दहशदगर्दों कभी तुमने भी  सीखा होगा ये सबक

पाप है किसी का हक छीनना ,न छीनो किसी से जीने का हक

 दहशदगर्दों ये कौन सा इन्कलाब  है किस  जेहाद  की करते हो बात

खून की नदियाँ बहाते हो कत्ले आम करते हो दिन रात

किस मकसद के लिए लड़ने मरने   की बात  करते  हो

दहशदगर्दों  तुम  सच  से भागते  हो ,सच  के रास्ते से डरते  हो

औरतों  को बनाते हो बेवा ,बच्चों  को करते हो यतीम 

दहशदगर्दों किस  ने पढ़ाया तुम्हे  किसने दी तुम्हे तालीम

 

सुनील जैन


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