बर्लिन,29 अप्रैल (वीएनआई) जर्मनी ने भी अब अन्य कई यूरोपियन देशों की हुए मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की दिशा मे पहला कदम उठा लिया है।
जर्मन की संसद मे प्रतिनिधियों ने "पूरे चेहरे को ढकने" पर आंशिक प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किये। इस मसौदे में विशेष रूप से पूरे इस्लामिक परिधान का उल्लेख नहीं किया गया है लेकिन इसमें स्पष्ट रूप से मुंह ढकने वाले, बुर्के को ध्यान में रखा गया है। अब इस कानून को अनुमोदन के लिए संसद के ऊपरी सदन में भेजा जायेगा.
दिसंबर 2016 में जर्मनी की चांसलर एंजेला मेर्केल ने कहा था कि " जहां भी कानूनी रूप से संभव हो सके, पूरे बुर्के पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए।"
वहां के संविधान के अनुसार भी, महिला न्यायाधीशों और सैनिकों सहित जन प्रतिनिधियों और अधिकारीयों को अपने चेहरे खुले रखने ही चाहिए।
इस कानून के मसौदे के अनुसार लोगों के चेहरे को उनके पहचान पत्रों के साथ मिलाने के लिए चेहरे की कवरिंग को हटाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
गौरतलब है कि फ्रांस यूरोप का पहला देश जिसने सार्वजानिक स्थान पर चेहरे को ढकने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया। इसके लिए बना कानून अप्रैल 2011 से ही प्रभाव में आ गया था।
इसके खिलाफ अपील की गयी जिसमें कहा गया कि पूरे चेहरे को ढकने पर लगा प्रतिबंध धार्मिक आजादी का हनन है, लेकिन 2014 में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने इस तर्क को नकार दिया और बुर्के पर प्रतिबंध के सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
इस कानून के लागू हो जाने के बाद से लगभग 1600 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और नियम का उल्लंघन करने पर 150 पाउंड तक का जुर्माना लगाया गया। ब्रिटेन मे हालांकि ऐसा कोई कानून नहीं है जो धार्मिक कारणों से पहने जाने वाले परिधान पर रोक लगाता हो। हालांकि मार्च 2007 में, वहां के शिक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और सांप्रदायिक स्कूलों के निदेशकों को निकाब पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी कर दिए थे