नई दिल्ली, 14 जून, (सुनील कुमार/वीएनआई), वर्ष 1960 में बनी हिन्दी फिल्म मुगल- ए आजम एक ऐसी हिन्दी फिल्म है, जिसे किसी परिचय की जरुरत नहीं है। मुगल -ए- आज़म एक क्लासिक हिट फिल्म है, जिसे भारतीय सिनेमा में एक 'मील का पत्थर' माना जाता है। इस फिल्म के निर्माता/ निर्देशक के.(कमरुद्दीन)आसिफ थे, जिनका जन्म 14 जून 1922 को इटावा में हुआ था, और शुरुआती शिक्षा भी इस्ला्मियां इंटर कालेज में हुई थी। फिल्म निर्देशक़ के रूप में के.आसिफ की पहली फिल्म, थी फूल जो 1945 में बनकर तैयार हुई। 1960 में मुगल- ए आजम बनी , फ़िल्म को इनाम भी मिले ,नाम भी मिला और दर्शकों का बेतहाशा प्यार मिला ।
मुगले -आज़म के पीछे महज़ ,के आसिफ का निर्माण और निर्देशन ही नहीं था बल्कि उनकी दीवानगी थी । वरना युद्ध दृश्यों के लिए फ़ौज़ से हाथी ,घोड़े व् अन्य सामग्री न मगाई जाते ,न विशेष किस्म के शीशे मगाये जाते ,फिल्म के एक गीत के लिए ।पात्रों के लिए विशेष पोशाक ,चमड़े के जुते ,जुतीयाँ सब कुछ विशेष था ,आलीशान था । फिल्म का हर सेट आलीशान था । अगर हम कहें की भव्यता का दुसरा नाम थी फिल्म मुगल- ए आजम । फिल्म का गीत "प्यार किया तो डरना क्या " -105 बार रिकॉर्ड किया नौशाद ने ,तब आसिफ ने इसे ओके किया । फिल्म में एक शास्त्रीय गीत के लिए उस्ताद बड़े गुलाम अली खान को मिन्नतों के बाद तैयार किया गया । के आसिफ ने जो कुछ ठान लिया वो पूरा किया । उन्होंने इस फिल्म में उच्च श्रेणी की तकनीक व् कला का प्रदर्शन किया गया । फिल्म में पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार, मधुबाला, दुर्गा खोटे जैसे कलाकार शामिल रहे।, मुगले-ए-आजम ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म थी जरुर, लेकिन फिल्म का यादगार गीत प्यार किया तो डरना क्या जो अनारकली(मधुबाला) पर फिल्माया गया रंगीन गाना था। अलावा इसके गीत मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये, दृश्यो में जीवंता लाने के लिए अनारकली(मधुबाला) ने वास्तविक और काफी भारी भरकम जंजीरों को पहनकर शूट दिया था। मुगल- ए-आजम,5 अगस्त 1960 प्रदर्शित हुई थी, फिल्म ने लोकप्रयता के सारे रिकार्ड्स तोड़ दिए । के आसिफ का ख़्वाब दर्शकों के दिलों को छू गया था । मुगल-ए-आजम को 1961 में हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (राष्ट्रपति रजत पदक),1961 फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार भी मिला। फ़िल्म के संगीतकार थे नौशाद और गीतकार थे शकील बदाँयूनी | मुगल-ए-आजम के बाद के.आसिफ अगली फिल्म 'लव एंड गॉड' का निर्माण शुरु किया लेकिन,फिल्म पूरी हो पाती इससे पूर्व के.आसिफ का 49 वर्ष की आयु में 9 मार्च 1971 को निधन हो गया। आखिरकार उनकी यह फिल्म पत्नी ने के.सी.बोकाडिया के सहयोग से पूरी की, जो 1986 में रिलीज हुई।
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