जीवन यात्रा में चलते चलते यदि हम ने कभी जाने,अनजाने में कारणवश ,अकारणवश, अपनत्व या पुर्वाग्रह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपके ह्दय ,भावनाओं को ठेस पहुँचाई हो तो हम परिवार जन मन ,वचन ,काय से क्षमाप्रार्थी हैं.सभी के प्रति क्षमाभाव...
मिच्छामि दुक्कड़म्...
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