सागर, म.प्रदेश,17 जुलाई (शोभना/अनुपमाजैन,वीएनआई) सागर केन्द्रीय जेल, जेल के अंदर के भयावह माहौल की अक्सर जो खबरें सुनी जाती हैं, शायद यहा माहौल उस से कुछ अलग सा हैं.. सलाखें तो हैं और कैदी भी उस के अंदर लेकिन माहौल सकारात्मकता भरा, सौहाद्रपूर्ण इस माहौल में ये कैदी रिश्तें बुन रहे हैं,या यूं कहें रिश्तों की अहमियत का संदेश दे रहे हैं, रिश्तें भाई बहिन के अटूट प्रेम का देश भक्ति का.जैन तपस्वी दार्शनिक संत आचार्य श्री विद्यासागर की प्रेरणा से यह कैदी इन दिनों राखी के पर्व से पूर्व भाई बहिनों के अटूट प्रेम बंधन की प्रतीक "सद्भावना राखियॉ" बना रहे हैं.
इन राखियों की खासियत हैं कि ये पूरी तरह से भारतीय सामान से बनी हैं.एक अनूठें प्रयास में जेल प्रवासियों द्वारा बनाई गयी ये राखियॉ एक अनूठें पैक में बाजार में उतारी गई हैं.राखियों के साथ आचार्य श्री की प्रेरणा से कैदियों द्वारा जेल में बनायें जा रहें हथकरघा कपड़ों की लोकप्रिय श्रंखला में से रूमाल और हथकरघा मास्क का पैक बना कर बेचा जा रहा हैं और उस का मेहनताना इन कैदियों को मिलेगा.इस अभियान की एक और विशेषता यह हैं कि सेना के जवानों की बहिनों को इन राखियो के पैक निःशुल्क दिये जाने की व्यवस्था की गई हैं.
इस अभियान से जुड़ी पूर्व पुलिस अधिकारी,डी एस पी और आचार्य श्री की प्रेरणा से नौकरी छोड़ साध्वी बन चुकी ब्रहमचारिणी रेखा दीदी के अनुसार कोरोना के देखते हुए इन राखियों के पैक को पूरी तरह से संक्रमण मुक्त माहौल में बनाया गया हैं और पूर्ण स्वच्छ माहौल में पैक किया गया हैं. उन्होंने बताया कि इन राखियों को बनातें समय कैदियों में बहुत उल्लास था.रेखा दीदी ने कहा कि ऐसे ही एक कैदी का वाक्य मुझे याद हैं जब उस ने कहा " मेरी तो कोई बहिन हैं नहीं लेकिन राखी बनाते वक्त मैं लगातार यहीं सोच रहा था कि जब मेरे बनी राखी कोई बहिन अपने भाई को बॉधेंगी तो मुझे लगेगा वो मेरे ही हाथ पर ्ही राखी बॉध रही हैं." एक दूसरे कैदी ने कहा " जब हमारें हाथों से बनी राखी कोई बहिन अपने वीर जवान भाई को सरहद पर भेजेगी तो मैं जेल मैं बैंठे बैठे देश के प्रति नत मस्तक हो जाउंगा यह देश को मेरा सलाम होगा, " रेखा जी ने कहा " सद्भावना राखियों के जरियें प्रयास हैं कि सद्भभावना राखियॉ समाज में सद्भभावना फैलायें और अपने किसी अपराध के लियें सुधार गृह में पहुंचें कैदियों के जरियें रिश्तों की कद्र करने और सद्भभावना फैलानें का संदेश हैं.
आचार्य श्री की प्रेरणा से इस जेल में पिछले काफी समय से सुबह रेखा जी के सान्निध्य में आचार्य श्री के शिष्य और संघस्थ मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज द्वारा तैयार अर्हम योग कराया जा रहा हैं, जिस से कैदियों में सकारात्मक बढी हैं, जीवन के प्रति एक नय्य नजरियॉ आ रहा हैं,जिस से भरोसा बनता हैं कि वे जेल के बाहर भी यही सकारात्मकता के साथ जीवन की नयी पारी शुरू करेंगें.राखियों का पेक प्राप्त करने के लियें डॉ अमित जैन से संपर्क किया जा सकता हैं जो डॉक्टर के रूप में सेवा करने के साथ ही आचार्य श्री की प्रेरणा से अध्यात्म को समर्पित हैं. डॉ अमित जैन 7987499500 , 7000739351
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