नई दिल्ली, 03 अक्टूबर, (वीएनआई) बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन होने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि, बीएसपी राजस्थान और मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी। मायावती ने कहा कि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी दिल से चाहते थे कि इन विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का बीएसपी के साथ गठबंधन हो, लेकिन मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह जैसे नेता कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन नहीं होने देना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि, दिग्विजय सिंह सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के डर से ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि, बीएसपी और कांग्रेस में गठबंधन न होने पाए इसके पीछे दिग्विजय सिंह का निजी स्वार्थ शामिल है।
उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा गैर-बीजेपी दलों को कमजोर करने की कोशिश में लगी रहती है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन की आड़ में बीएसपी को समाप्त करना चाहती है। कांग्रेस का रवैया हमेशा की तरह बीजेपी को परास्त करना नहीं बल्कि अपनी विपक्षी पार्टियों को चित्त करने का रहा है। वहीं मायावती ने दिग्विजय सिंह के उस बयान को गलत करार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि था, कि सीबीआई की जांच के दवाब के चलते उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया। मायावती ने आगे कहा कि हम बाबा साहब के अनुयायी हैं और जो बाबा साहब का अनुयायी होता है वह किसी दूसरे के हाथ का खिलौन नहीं बन सकती हैं। वहीं मायावती ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस ने बाबा साहब के निधन पर एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था। कांग्रेस पार्टी ने दलितो और शोषितों की आवाज उठाने वाले बाबा साहब को भारत रत्न देने में भी आना-कानी की। कांग्रेस को गलतफहमी है कि वह अकेले ही बीजेपी के साम, दाम, दंड भेद और ईवीएम जैसी चालों से पार पाकर जीत हासिल कर लेगी जो काफी हास्यास्पद है।
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