प्रभु ईसा का जन्मस्थल बेथलहम आज हैं सन्नाटे से घिरा शापित शहर

By Shobhna Jain | Posted on 25th Dec 2023 | VNI स्पेशल
altimg

बेथलेहम,  25 दिसंबर (शोभनाजैन/वीएनआई)  क्रिसमस के पावन पर्व पर हर वर्ष जश्न  और पवित्रता के माहौल  से महकने वाला ईसा मसीह का जन्म स्थान  बेथलहम आज आंसू बहा रहा हैं, चर्च ऑफ नेटिविटी का मशहूर गिरजाघर जो ईसा मसीह का जन्म स्थल माना जाता हैं,  वहा आज घंटियों की गूंज सुनाई नहीं दी. चारों तरफ सन्नाटा है , ऐसा लग रहा हैं मानो प्रभु यीशु की जन्म स्थली शापित हो गई हो.आज के दिन  हमेशा की तरह बच्चों की किलकारियां,बुजुर्गों युवाओं की खुशी से सराबोर चेहरों वाला शहर आज किसी भुतहा शहर जैसा लग रहा था. सफेद बर्फ की चादर से ढका शहर जो कभी त्योहार की ऊर्जा  से दहकता था, आज बेहद सर्द और ठंडे पन  से भरा नजर आ रहा हैं., उसी बेथलेहम में   पहली बार क्रिसमस  का जश्न इजरायल-हमास युद्ध के कारण रद्द कर दिया गया.

     त्योहार की चकाचौंध और क्रिसमस ट्री जिसे आम तौर पर  मैंगर स्क्वायर  सजाया जाता हैं,  वह ट्री आज गायब था,  स्क्वायर चारों तरफ से कंटीले तारों से घिरा हुआ हैं,साथ ही   आज के दिन दूर   देशों से आये विदेशी पर्यटकों और उत्साही युवा मार्चिंग बैंड की भीड़ भी गायब थी, जो हर साल  त्योहार और छुट्टी मनाने के लिए वेस्ट बैंक शहर में इकट्ठा होते थे. उन सब की जगह वर्दी धारी  फलस्तीनी सैनिको और उन के भारी बूटों से  चौक पर लगाई जा रही गश्त आज के दौर की हकीकत हैं .मैंगर स्क्वायर में  गाजा की भीषण गोलीबारी के शिकार के प्रतीक दुधमुंहे  शिशु यीशु   के शव के साथ  सफेद कफन में  लिपटे  कुछ और शिशु के शव रखे गये थे, जो गाजा में लड़ाई में मारे गए हजारों बच्चों की याद दिलाते थे. . घटनास्थल के चारों ओर कंटीले तार लगे हुए थे. एक रिपोर्टर के अनुसार "हर साल क्रिसमस पर बेथलहम की सड़कों पर अपने पारंपरिक संगीत मार्च के बजाय, आज  युवा स्काउट्स झंडों के साथ चुपचाप खड़े  थे. स्थानीय छात्रों का एक समूह  मौन खड़े होकर एक विशाल  बैनर उठायें था जिस पर लिखा था "हमारा संदेश शांति और प्रेम का रहा है, लेकिन इस साल यह गाजा पट्टी में जो हो रहा है और चल रहा है, उसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने दुख, शोक और गुस्से का संदेश है।"

    "इस साल, क्रिसमस ट्री के बिना और रोशनी के बिना,  सब और बस अंधेरा  ही अंधेरा है,"  पिछले छह साल से यरूशलेम में रह रहे  एक पादरी ने डबडबाई आँखों  और थर्राई आवाज  से आकाश की और देखते हुए जैसे ही  बुदबुदाते हुए कहा,  रूह मानों कॉप सी उठी.

   मैंगर स्क्वायर में गाजा की भीषण गोलीबारी के शिकार के प्रतीक एक दुधमुंहे  शिशु यीशु   के शव के साथ  सफेद कफन में  लिपटे  कुछ और शिशु के शव हुए बच्चे थे, जो गाजा में लड़ाई में मारे गए हजारों बच्चों की याद दिलाते थे। . घटनास्थल के चारों ओर कंटीले तार लगे हुए थे.  "हर साल क्रिसमस पर बेथलहम की सड़कों पर अपने पारंपरिक संगीत मार्च के बजाय, युवा स्काउट्स झंडों के साथ चुपचाप खड़े रहे। स्थानीय छात्रों के एक समूह ने मौन खड़े होकर एक विशाल बैनर संदेश शांति और प्रेम का होता है, लेकिन इस साल यह गाजा पट्टी में जो हो रहा है और चल रहा है, उसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने दुख, शोक और गुस्से का संदेश है।"
    क्रिसमस उत्सव का रद्द होना शहर की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर झटका है। बेथलहम की आय का अनुमान 70 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन से आता है - लगभग सारा  कारोबार क्रिसमस के मौसम के दौरान होता हैं.
    कई प्रमुख एयरलाइनों द्वारा इजराइल के लिए उड़ानें रद्द करने के कारण, बहुत कम विदेशी लोग आ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बेथलहम में 70 से अधिक होटलों को बंद करने के लिए मजबूर किया गया है, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।प्रतिबंधों ने हजारों फिलिस्तीनियों को इजराइल में काम करने के लिए क्षेत्र से बाहर निकलने से भी रोक दिया है।
   
 ऑकड़ों के अनुसार , गाजा के हमास शासकों के खिलाफ इजरायल के हवाई और जमीनी हमले के दौरान 20,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक घायल हुए हैं, जबकि क्षेत्र के 2.3 मिलियन निवासियों में से लगभग 85 प्रतिशत विस्थापित हो गए हैं। यह युद्ध 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के घातक हमले से शुरू हुआ था जिसमें आतंकवादियों ने लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, और  अमरीका ,इंगलेंड सहित योरोपीय देशों के 240 से अधिक लोगों को बंधक  ्बना लिया था।
   
 रिपोर्टर के अनुसार लौटते हुये वो ही पादरी मिलते है, उन का बुदबुदाना जारी हैं " क्रिसमस प्रेम, शांत और प्रसन्नता का पर्व हैं, हिअं लेकिन अब ना तो खुशी हैं और ना शांति, लोग एक दूसरें के खून के प्यासें हो गये है. हे प्रभु, उन्हें सद्बुद्धि दे जो हमारे भाग्य विधाता बन गये है,  उन्हें ऐसी  मति दें कि  वे शांति की भाषा समझें  और अगलें बरस का क्रिसमस एक गुलजार क्रिसमस हो , जो लोग हमारे भाग्य विधाता बन गये हैं वे गोली बारी के  बीच बच्चों,मॉओं की चीत्कार सुनें, समझे, बच्चों  की बेजान  सी पड़ गयी लहू लूहन देह को  लेकर अस्पतालों की तरफ दौड़ते पिताओं की सुबकियॉ सुनें और झुरियों वालें  बुजुर्ग चेहरो की बेबस ऑखों को पढें." ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि  दें और हमारी पुकार सुनें, दुआएं कबूल करे. आमेन ! समाप्त .


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of day
Posted on 28th Feb 2025
Today in History
Posted on 28th Feb 2025

Connect with Social

प्रचलित खबरें

altimg
उपहार

Posted on 5th Feb 2016

Today in history
Posted on 2nd May 2021
© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india