सरकार के एक साल पूरे होने पर पी एम मोदी का देशवासियों के नाम खुला खत - \'देश ने खोया विश्वास पाया\'

By Shobhna Jain | Posted on 26th May 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्‍ली 26 मई (शोभना जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर देशवासियों से कहा कि सरकार के पहले साल के काम काज से विकास यात्रा की मजबूत नींव से देश ने खोया विश्वास पाया है. उन्होने कहा \'पिछले वर्ष आज के दिन जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से मुझे प्रधानमंत्री का दायित्व मिला। मैं स्वयं को \"प्रधान सेवक\" मानकर अपनी जिम्मेदारी इसी भावना से निभा रहा हूं,मुझे खुशी है कि हमारे प्रयासों से विगत वर्ष में भारत विश्व की तीव्रतम विकास वाली अर्थव्यवस्था बनी, महंगाई नियंत्रित हुई और पूरे वातावरण में नए उत्साह का संचार हुआ। \' प्रधान मंत्री ने कहा \' यह मात्र शुरुआत है. देश आगे बढ़ने के लिए तैयार है\' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस पत्र में लिखा कि विश्‍व स्‍तर पर भी भारत की प्रतिष्‍ठा बढ़ी है. उन्‍होंने \'मेक इन इंडिया\' और \'स्किल इंडिया\' के बारे में लिखा कि,\' दोनों अभियान का उद्देश्‍य हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान करना है. हमने काला धन वापस लाने का वायदा किया था. सरकार बनते ही पहला निर्णय काले धन पर एसआईटी गठन करने का था. फिर हमने विदेशों में काला धन रखने वालों को कड़ी सजा देने के लिए कानून बनाया. देश की मौजूदा अर्थ व्यवस्था की चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा\'सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए भरोसेमंद सरकार आवश्यक होती है। जब हमारी सरकार बनी उस समय आर्थिक स्थिति डावांडोल थी। महंगाई तेजी से बढ़ रही थी। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयासों से विगत वर्ष में भारत विश्व की तीव्रतम विकास वाली अर्थव्यवस्था बनी, महंगाई नियंत्रित हुई और पूरे वातावरण में नए उत्साह का संचार हुआ। पत्र मे प्रधान मंत्री मोदी ने इस पत्र में जन-धन योजना, जीवन ज्‍योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और \'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ\' के अलावा सरकार की और भी कई जन कल्याण योजनाओं के का जिक्र किया है. अपनी सरकार के एजेंडा और एक साल की उपलब्धियो के बारे मे उन्होने कहा \'भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी, नीति-आधारित प्रशासन एवं शीघ्र निर्णय हमारे मूलभूत सिद्धांत हैं। पहले प्राकृतिक सम्पदा जैसे कोयला या स्पैक्ट्रम का आबंटन मनमानी से, चहेते उद्योगपतियों को होता था। किन्तु देश के संसाधन देश की सम्पत्ति हैं। सरकार का मुखिया होने के नाते मैं उसका ट्रस्टी हूं। इसीलिए हमने निर्णय लिया कि इनका आबंटन नीलामी से होगा। कोयले के अब तक हुए आबंटन से लगभग तीन लाख करोड़ रुपए और स्पैक्ट्रम से लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी! देश का ज्वलंत मुद्दा बन चुके किसानो के सरोकारो की इस पत्र मे चर्चा करते हुए उन्होने कहा \"अन्नदाता सुखी भवः\" हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे किसान अथक मेहनत कर देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड, बिजली की बेहतर उपलब्धता, नई \"यूरिया नीति\", कृषि विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों के साथ हम मजबूती से खड़े रहे। सहायता राशि को डेढ़ गुना किया तथा पात्रता मापदण्ड को अधिक किसान-हितैषी बनाया। पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि, \'अन्‍तोदय\' हमारे राजनैतिक दर्शन का मूलमंत्र है. प्रमुख फैसले लेते समय हमेशा वंचित, गरीब, मजदूर और किसान हमारी आंखों के सामने रहते हैं. \'अन्‍नदाता सुखी भवः\' हमारी सर्वोच्‍च प्राथमिकता है. भ्रष्‍टाचार-मुक्‍त, पारदर्शी, नीति आधारित प्रशासन एवं शीघ्र निर्णय हमारे मूलभूत सिद्धांत है.\' प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में \'स्‍वच्‍छ भारत अभियान\' के बारे में लिखा ,\' \'स्‍वच्‍छ भारत अभियान\' की सोच है कि बहू-बेटी को खुले में शौच न जाना पड़े, शौचालय के अभाव में बेटियां स्‍कूल न छोड़े और गदंगी से मासूम बच्‍चे बार-बार बीमार न पड़े. बालकों की तुलना में बालिकाओं की गिरती संख्‍या बहुत चिंता का विषय है.\' प्रधानमंत्री ने आगे लिखा कि, \'हमने जोड़ने का काम किया है. देश की सीमाओं, बंदरगाहों और पूरे भारत को एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ने के लिए सड़कें और रेलवे को नया जीवन देने का प्रयास किया है. लोगों को जोड़ने के लिए \'डिजीटल इंडिया\' कनेक्टिविटी.\' पत्र का प्रारंभ जहा प्रधान मंत्री ने \'मेरे प्यारे देशवासियों \'के संबोधन से किया है वही इसके समापन वाक्य मे उन्होने लिखा \'आपकी सेवा में समर्पित\'. वी एन आई

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