नई दिल्ली 24 अप्रैल (वीएनआई) पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की पावन धरती से जो कहा वह सिर्फ़ देशवासियों के लिए नहीं थी — वह पूरी दुनिया को चेतावनी देने वाली एक गर्जना थी।
उन्होने कहा कि मैं साफ कह रहा हूं, जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों और हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी. इन शब्दों के साथ प्रधानमंत्री ने हिंदी ्के बाद अंग्रेजी में इसी बात को दोहराया ,
गौरत्गलब है कि पिछले 48 घंटे पहले पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोग मारे गए — उनमें पर्यटक भी थे, आम नागरिक भी। एक खूबसूरत वादी, खून से लाल कर दी गई। भारत का दर्द था यह, पर अब यह पूरी दुनिया की आंखें खोलने का वक्त था।
प्रधानमंत्री ने कहा: "भारत आतंकियों और उनके सरपरस्तों को खोज-खोज कर सज़ा देगा... हम उन्हें धरती के किसी भी कोने में ढूंढ निकालेंगे।" उन्होने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है. सब दुखी हैं. सभी पीड़ित परिवारों के साथ देश खड़ा है. जिन परिवारजनों का इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसका प्रयास भी सरकार कर रही है. इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा, किसी ने भाई तो किसी ने अपना जीवनसाथी खोया. कोई बंगला बोलता था, कोई कन्नड़, कोई मराठी, कोई उड़िया तो कोई बिहार का लाल था. ये सभी अलग अलग जगहों से थे, लेकिन उनकी मृत्यु पर महारा दुख एक जैसा है और हमारा गुस्सा भी एक जैसा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर कोई जो मानवता में विश्वास करता है, हमारे साथ है. आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया. जो भी हमारे साथ है, हम उन देशों और उनके नेताओं का धन्यवाद करते हैं. शांति और सुरक्षा तेज विकास की सबसे जरूरी शर्त है. विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है.
इस हमले के पीछे पाकिस्तान की सेना और ISI की मिलीभगत की बात भी सामने आई है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर साफ कर दिया है कि इस बार उसके खिलाफ ऐसे कदम उठाएं जाएंगे कि दोबारा से वो इस तरह की हरकत करने की स्थिति में भी नहीं रहेगा. भारत ने इसका जवाब भी देना शुरू कर दिया है — इंडस वॉटर ट्रीटी को सस्पेंड किया गया है, और अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। यह रणनीतिक क़दम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सीधी चोट है।
विचारणीय है कि प्रधानमंत्री हमले के वक्त सऊदी अरब में थे, लेकिन अगली ही सुबह बिना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किए भारत लौट आए और लगातार सुरक्षा बैठकों की अगुवाई की। सैन्य प्रतिक्रिया की संभावनाएँ अब भी खुली हैं।
मोदी ने अपने X पोस्ट में लिखा: "इस कायराना हमले के गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा... उनका शैतानी एजेंडा कभी सफल नहीं होगा।"
आज जब दुनिया के बड़े देश — अमेरिका, रूस, इज़रायल, चीन और यूरोपीय यूनियन — भारत के साथ खड़े हैं, तो यह केवल कूटनीति नहीं, यह आतंक के खिलाफ इंसानियत की एकजुटता है।
यह आवाज़ बिहार से निकली, लेकिन गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी।यह केवल प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी नहीं थी,यह 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की आत्मा की ललकार थी।
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