अमृतसर, 4 दिसम्बर (शोभना जैन/वीएनआई)प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ सख्त एकजुट कार्यवाही करने का आह्वान करते हुए कहा कि चुप्पी और निष्क्रियता से आतंक और उसके आकाओ को बढ़ावा ही मिलेगा.
प्रधान मंत्री आज यहा अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के उदघाटन समारोह में कहा कि बढ़ती आतंकी हिंसा इस वक्त क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है.पाकिस्तान के नाम लिए बगैर आतंक को पोसने को ले कर उसे निशाना बनाते हुए पीएम मोदी ने कहा 'सिर्फ आतंकवाद के पीछे की ताकतों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके खिलाफ भी कार्यवाही करना जरूरी है जो आतंकवादियों को हर तरह की सहायता मुहैया करवाते हैं.ुन्होने कहा कि अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए उठने वाली आवाज़े में काफी नहीं है. इसके लिए कड़ी कार्यवाही की जरूरत है.पीएम मोदी जब यह कह रहे थे कि आंतकवाद और खून खराबे को परास्त करने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति के प्रदर्शन की जरूरत है तब वहा पाकिस्तान के प्रतिनिधि वहा के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी बैठे हुए थे.पाकिस्तान में विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी अमृतसर में हो रही इस कॉन्फ्रेंस मे हिस्सा ले रहे हैं.
सम्मेलन मे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कड़े शब्दो मे कहा 'हम पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए उन्होंने 50 करोड़ डॉलर की सहायता का वचन दिया है.किसी भी तरह की रकम हमारी मदद नहीं कर सकती अगर पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहा.'उन्होने कहा कि उम्मीद है आप इसे पाकिस्तान में ही आतंकवाद और कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे.
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को बढावा तथा वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और आतंक से निबटने के लिये मजबूत एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि इससे पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में शांति को खतरा पैदा हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमें आतंकवादी ढॉचे को हराने के लिए मजबूत एकजुट इच्छा का प्रदर्शन करना होगा। केवल शांति का समर्थन करना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि इसके लिए ठोस कार्रवाई भी करनी होगी। मोदी ने कहा, अफगानिस्तान और हमारे क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ चुप्पी व निष्क्रियता से आतंकवादियों और उनके आकाओं को केवल प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की विकास संबंधी जरूरतों में सहयोग के लिए भारत की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय प्रतिबद्धताएं जारी रहेगी, और इसमें वृद्धि भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पूर्ण और अटूट है।
मोदी ने कहा, हम हवाई यातायात गलियारे के माध्यम से अफगानिस्तान को भारत से जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि सभी को अफगानिस्तान और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मजबूत सकारात्मक संपर्क कायम करने की दिशा में काम करना चाहिए। सम्मेलन में दक्षिण और मध्य एशिया तथा पश्चिमी देशों के ४० नेता शिरकत कर रहे हैं.वी एन आई