बीजिंग, 15 मई ( शोभना जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी चर्चित चीन यात्रा मे भारत और चीन के बीच आपसी संबंधो को एक नयी दिशा देने की भारत की दृढ प्रतिबद्धत्ता व्यक्त की,इसके साथ ही प्रधान मंत्री मोदी ने चीन से \'कुछ मुद्दो पर उसके नजरिये पर् पुनर्विचार\' करने पर बल दिया है जो कि दोनो देशो के बीच आपसी साझीदारी का पूर्ण इस्तेमाल करने मे अड़चन बनी हुई है, उन्होने सुझाव दिया कि चीन को आपसी संबंधो को महत्वपूर्ण तथा दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना होगा, उन्होने यह भी कहा \' मैंने पाया कि चीनी नेतृत्व का रुख इसे लेकर अनुकूल है.\'प्रधान मंत्री ने आज दोनो देशो के बीच जटिल सीमा विवाद के जल्द समाधान की भी उम्मीद जताई , बाद मे दोनो पक्षो ने संयुक्त रूप से भी सीमा विवाद के \'शीघ्र राजनैतिक समाधान\' पर बल दिया साथ ही भारत ने आज दोनो देशो की जनता ्के बीच आपसी संपर्क बढाने के उद्देशय से चीनी नागरिको को ई वीजा भी दिये जाने की घोषणा की
प्रधान मंत्री ने आज चीन यात्रा के दूसरे दिन चीन के प्रधान मंत्री ली खचियांग के साथ \'ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल\'मे शिष्टमंडल स्तर के वार्ता के बाद उभयक्षीय सहयोग बढाने के २४ अहम समझौते होने के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस मे चीन के प्रधान मंत्री की मौजूदगी मे जारी एक प्रेस बयान मे यह बात कही. उन्होने कहा \'चीनी नेतृत्व के साथ मेरी स्पष्ट, रचनात्मक तथा मित्रवत बातचीत हुई इस दौरान उन तमाम मुद्दो पर चर्चा हुई जो हमारे निर्बाध संबंधो मे परेशानी का सबब बने हुए है.\' सीमा विवाद की चर्चा करते हुए उन्होने कहा और दोनों ही पक्ष सीमा ्क्षेत्र मे शांति बनाये रखने के लिये पूरे प्रयास किये जाने के लिये प्रतिबद्ध है और सीमा विवाद के उचित, व्यवहारिक तथा पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने की संभावनाओ को जारी रखने पर सहमत हैं।प्रधानमंत्री ने कहा\' मैने इस संबंध मे वास्तविक नियंत्रण रेखा के स्पष्टीकरण की महत्ता पर भी दोबारा बल दिया और वीजा नीति और सीमापार नदियों संबंधी मुद्दो के समाधान की दिशा मे वास्तविक समाधान की पर बल दिया साथ ही हमारे कुछ क्षेत्रीय चिंताओं के बारे में भी चर्चा की.\' बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी संवाददाताओ से बातचीत मे कहा कि अन्य मुद्दो के अलावा सीमा मसले पर व्यापक बातचीत हुई.
प्रधान मंत्री ने कहा \' हम इस बात पर सहमत है कि हम आगे बढें, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील हों, आपसी विश्वास को मजबूत करें, अपने मतभेदों से परिपक्वता के साथ निपटें और लंबित मुद्दों का समाधान खोजें. प्रधान मंत्री ने कहा \'दोनो ही देशो को इस रिशते को एक दूसरे के लिये शक्ति का स्त्रोत के रूप मे परिवर्तित करना होगा जो दुनिया के कल्याण के लिये भी एक बड़ी शक्ति बन कर उभरे.\' दोनो देशो के प्रधान मंत्रियो के बीच हुई वार्ता मे व्यापार घाटा, इसे बढाने, सीमा विवाद, आतंकवाद पर आपसी सहयोग बढाने, संयुक्त राष्ट्र सुधारो, सरल वीजा नियमो आदि विभिन्न मुद्दो पर विस्तार से चर्चा हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके चीनी समकक्ष ली खचियांग के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रो मे उभयपक्षीय सहयोग बढाने के 24 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान दोनो पक्षो भारत और चीन में सैन्य बलों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक हॉटलाइन नंबर स्थापित करने के लिए भी सहमति बनी है. इस हॉटलाइन नंबर के माध्यम से सीमा पर उत्पन्न होने वाले तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही दोनो देशो ने सीमा क्षेत्र मे शांति बनाये रखने के लिये आपसी समझ बूझ और भरोसा बढाये जाने पर भी सहमति व्यक्त की इन अहम समझौते में रेलवे के विकास के लिए आपसी सहयोग का समझौता भी शामिल है. इसके साथ-साथ एक अन्य अहम समझौते के तहत चीन भारत के चेन्नई में वाणिज्य दूतावास का ऑफिस खोलेगा. साथ ही भारत भी चीन के एक शहर चेंडडू में अपना वाणिज्य दूतावास खोलेगा. समझौतो मे व्यापार, कौशल विकास, खनन,पर्यटन, शिक्षाऔर अंतरिक्ष क्षेत्र समेत अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. भारत के सरकारी चैनल दूरदर्शन और चीन के चैनल CCTV में समझौता हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ली और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय सहयोग वार्ता बेहद महत्वपूर्ण रही ।उन्होंने कहा, \"हमने अपनी आर्थिक साझेदारी के लिए उच्च स्तरीय महात्वाकांक्षा रखी है।\"इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने दोनो देशो के बीच आर्थिक सझीदारी को नयी उचाईयो पर ले जने का आह्वान किया. इससे पूर्व श्री मोदी ने कहा, \"मैंने हमारे बढ़ते व्यापार घाटा से जुड़ी जिस चिंता को भी उठाया.प्रधानमंत्री ने कहा कि चेंगडु और चेन्नई में वाणिज्य दूतावास शुरू करने के फैसले से यह नजर आता है कि एक-दूसरे पर भरोसा और द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने की प्रतिबद्धता बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली खचियांग बे बीच हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने सीमा विवाद पर कहा कि उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों के तंत्र के माध्यम से हुई महत्वपूर्ण प्रगति का सकारात्मक आकलन किया है और इसके साथ ही दोनों पक्षों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए त्रिस्तरीय प्रक्रिया के पालन के प्रति बचनबद्धता दोहराई। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने इस मुद्दे के यथासंभव जल्द से जल्द निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान के प्रयास में अब हासिल हुए परिणामों पर आधारित एक सीमा समाधान की कार्ययोजना पर बातचीत को लगातार आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
दोनों पक्षों ने कहा है कि उनके मतभेद सतत विकास और द्विपक्षीय संबंधों के बीच आड़े नहीं आने चाहिए। भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहाद्र्र को द्विपक्षीय संबंधों के विकास और उनकी सतत वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण गारंटर माना गया है। दोनो पक्षो ने यह भी कहा \"दोनों पक्ष सीमा रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए बचनबद्ध हैं और इसके लिए वे एक-दूसरे के सैन्य मुख्यालयों और पड़ोसी सैन्य कमानों के बीच वार्षिक तौर पर दौरे और आदान-प्रदान जारी रखेंगे। दोनों सैन्य मुख्यालयों के बीच हाटलाइन स्थापित किया जाएगा, सीमा कमांडरों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाया जाएगा और भारत-चीन सीमा से लगे इलाके में सभी सेक्टरों में सीमाकर्मियों की मुलाकात के केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
प्रधान मंत्री मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाथुला दर्रा का वैकल्पिक मार्ग खोले जाने के लिये भी चीन का आभार जताया. उन्होने कहा कि यह मार्ग आगामी जून से खुलेगा जिससे ज्यादा भारतीय अब इस तीर्थ के दर्शनार्थ जा सकेंगे. बाद मे दोनो देशो के प्रधान मंत्रियो ने भारतीय राज्यो और चीनी प्रांतो के बीच आपसी आर्थिक सहयोग , साझीदारी व जनता के बीच आपसी संपर्क बढाने के लिये दोनो देशो के क्षेत्रीय नेताओ के मंच का भी उदघाटन किया इस पहली बैठक मे भारत के तरफ से गुजरात की मुख्य मंत्री आनंदी बेन पटेल और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेन्द्र फणनवीस ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने उम्मीद जताई कि यह मंच आने वाले वर्षो मे दोनो देशो के राज्यो की जनता के बीच संपर्क बढाने और आर्थिक साझीदारी बढाने मे अहम भूमिका निभायेगा. बाद मे प्रधान मंत्री ने त्ससंघुआ विश्वविद्यालय के छात्रो को संबोधित किया और बीजिंग के मशहूर \' टेम्पल ऑफ हेवन\' मे योग और तायची का संयुक्त प्रदर्शन भी देखा. इस ्कार्यक्रम मे प्रधान मंत्री ली भी उनके साथ थे. प्रधान मंत्री चीन के साथ रिश्तों को नया आयाम देने के लिये कल से चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर है. यात्रा के अंतिम चरण मे कल वे शंघाई की यात्रा करेंगे जहा वे व्यापार और उद्द्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियो को भे संबोधित करेंगे
मुख्य समझौतों में एजुकेशन एक्सचेंज समझौता, ख़नन क्षेत्र में समझौता, कौशल विकास के लिए समझौता, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समझौता, भूविज्ञान और अंतरिक्ष में सहयोग को लेकर समझौता, डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर और नीति आयोग पर समझौता, योग कॉलेज की स्थापना के लिए समझौता, औरंगाबाद और दुनहुआंग के बीच सिस्टर सिटीज़ संबंधो को लेकर समझौता, कर्नाटक और शिचुआन के बीच सिस्टर स्टेट संबंधों के लिए समझौता और भारत-चीन थिंक टैंक स्थापना के लिए समझौता है.
इससे पहले श्री मोदी का \'ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल\' में औपचारिक रूप से स्वागत किया गया. वी एन आई