वियना,14 जुलाई (शोभनाजैन,वीएनआई) ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर पिछले बारह वर्षो से विशव की छह महाशक्तियो के साथ चल रहे विवाद पर आज लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार एक व्यापक समझौते पर सहमति बन गई तथा इसमें तेहरान और वाशिंगटन के बीच वह समझौता भी शामिल है जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों को निगरानी कार्य के लिए ईरानी सैन्य स्थलों पर जाने की इजाजत होगी। इस एतिहासिक समझौते के बाद इरान के खिलाफ ्लगभग एक दशक से भी अधिक समय से लागू अंतर राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध हट जायेंगे साथ ही इरान द्वारा विश्व बाजार मे ज्यादा तेल भेजे जाने से तेल की कीमतो मे भी कमी आने के आसार है\'गौरतलब है कि अमरीका , ब्रिटेन,फ्रांस, जर्मनी, रूस तथा चीन इरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के बारे मे यह वार्ता कर रहे थे, इन प्रतिबंधो के चलते इरान की अर्थ्व्यवस्था खस्ताहाल हो गई थी.
प्रेक्षको के अनुसार यह जरूरी नहीं है कि इस समझौते के तहत इरान के किसी भी परमाणु स्थल पर जाने की अनुमति दे ही दी जाए और यदि अनुमति दी भी जाती है तो भी इसमें विलंब किया जा सकता है। यह एक ऐसी शर्त है जिसके बारे में करार के आलोचकों का कहना है कि इससे तेहरान को संभवत: अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने के लिये कोई भी दलील देने का मौका मिल जाएगा।
समझौते के तहत ईरान को संयुक्त राष्ट्र के आग्रह को चुनौती देने का अधिकार होगा और ऐसी स्थिति में वह मध्यस्थता बोर्ड इस बारे में फैसला करेगा कि जिसमें ईरान तथा दुनिया की छह प्रमुख शक्तियां शामिल हैं। इस सबके बावजूद यह समक्षौता ईरान के शीर्ष अधिकारियों के उस रूख में काफी नरमी का संकेत है जिसमें तहत उन्होंने पहले कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी को ऐसे स्थलों पर जाने की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी।
ईरान ने दलील दी थी कि आईएईए के ऐसे दौरे की आड़ में उसकी सैन्य गोपनीयताओं की जासूसी होगी। वी एन आई