पेरिस 1दिसंबर (वीएनआई) कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 नवंबर से 11 दिसंबर चलने ्वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन ्के लिये अपनी जिम्मेवारी और वादा निभायेगा
इससे पहले उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करके ओबामा की सराहना करते हुए कहा कि वह हमेशा विचार-विमर्श के लिए तैयार रहते हैं। मोदी-ओबामा की डेढ़ साल में यह छठी बार मुलाकात हुई। दोनों नेता इस सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए हुए हैं। इससे पहले वे सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर न्यूयार्क में मिले थे पीएमओ ने दोनों नेताओं की मुलाकात वाले एक चित्र के साथ ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीओपी21 से अलग अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बैठक की।" उन्होने कहा कि मैं ओबामा से लगातार मिलता रहता हूं, हमारे बीच सार्थक बातचीत होती रहती है.
इससे पूर्व मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे तथा कुछ अन्य नेताओं से भी मुलाकात की।. इस मोदी ओबामा के बीच मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच आपसी सौर ऊर्जा पर चर्चा हुई.
मोदी ने कहा कि, "हमें कार्बन का उत्सर्जन कम करना होगा, 2030 तक भारत की योजना 30-35 फीसदी कम कार्बन उत्सर्जन की है.
पर्यावरण संतुलन पर भारत गंभीर है,उन्होंने कहा अगले कुछ दिनों हम सब धरती का भविष्य तय करेंगे। , हमें सही मायनों में एक वैश्विक सहयोग की जरूरत है, लोकतांत्रिक भारत को सभी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।
क्लीन एनर्जी के लिए प्रयास, भारत की जरूरत पूरी करनी है. 2022 तक 175GW एनर्जी का लक्ष्य है.मोदी ने कहा, हम साल 2020 तक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और अनुकूलन के लिए वार्षिक रूप से 100 अरब डॉलर सालाना की राशि जुटाने के लिए विकसित देशों से उम्मीद करते हैं। उन्होने कहा कि विकसित देशों को महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए, क्योंकि प्रभावों का सामना करने के लिए उनके पास अधिक गुंजाइश है। उन्होंने कहा, विकसित देशों को चाहिए कि वे विश्व में सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें। उन्हें यह विश्वसनीय और पारदर्शी तरीके से करना होगा।
उन्होने कहा कि ग्लेशियर्स तेजी से पिघल रहे हैं. यह बेहद चिंता की बात है, इसके लिये वैश्विक स्तर पर फौरन कार्रवाई करने की कोशिश की जानी चाहिए.
सम्मेलन का परिणाम हम सब के लिए बेहद अहम है. लिहाज़ा इस पर फौरन कार्रवाई करने की ज़रूरत है.
पी एम मोदी ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए भारत 2030 तक 40 फीसदी बिजली गैर जीवाश्म ईंधन के जरिए पैदा करेगा. सोलर एनर्जी इनिशेटिव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के नेताओं को पर्यावरण के मुद्दे पर न्याय की जरूरत है, ताकि ऐसा न हो कि कुछ लोगों के फायदे के लिए तमाम लोगों को नुकसान न हो। विकास के लिए स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग होना चाहिए, जो तकनीकी दृष्टी से सस्ती भी हो।
सभी देश आज एक साथ मिलकर एक नए संगठन की घोषणा कर रहे हैं. फ्रांस के प्रेसिडेंट और मैं इसे लांच कर रहा हूं.
दुनियाभर में प्रकृति की रक्षा करना, नवीकरणीय ऊर्जा, सोलर एनर्जी, दुनिया के सभी देश प्रकृति के अनुरूप चलने का काम कर रहे हैं.