नई दिल्ली, २७ फरवरी (वी एन आई)' उद्यमशीलता एक हवाई जहाज से पैराशूट के बिना बाहर कूदने की तरह है। उद्यमी हवा में ही एक पैराशूट का निर्माण करता है और मजबूत इरादे के साथ इस विश्वास के साथ छलांग लगाता कि वो जमीन से टकराने से पहले खुलेगा. इसी ध्येय वाक्य के साथ कोई भी उद्द्यमी अपने हौसले के बल पर अपनी एक अलग दुनिया बनाने निकलता है.'
राजधानी मे स्वैच्छिक संगठन सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एण्ड रिसर्च- सी ई जी आरके नई दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के साथ सहयोग से यहा ' उद्द्यमशीलता-उद्दमी बने' विषय पर आयोजित पर एक राष्ट्रीय मे युवाओ को उद्दमी बनने का आह्वान करते हुए यह बात कही गई. कार्यक्रम में देश के अनेक उद्यमियों कोर्पोरेट जगत के प्रतिनिधियो शिक्षाविदों और विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया ।ऐस अवसर पर इन उद्द्यमियो ने अपने अनुभव् साझे किये
इस अवसर पर उद्यमी शांतनु श्रीवास्तव अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब उन्होने अपनी खुद की ईकाई स्थापित की तो उनके पास मात्र 852 डाॅलर थे। बैंक तक उनका खाता खोलने के लिए भी तैयार नहीं था। लेकिन एकाग्रता या यूं कहे जनून के बल पर वह जल्द ही सफलता की सीढियों पर आ खड़े हुए' कार्यशाला मे एक अन्य उद्यमी विकास खंडूरी ने प्रसिद्ध पुस्तक 'रिच डैड, पूअर डैड' को उद्धत करते हुए कहा कि उद्यमशीलताएक हवाई जहाज से पैराशूट के बिना बाहर कूदने की तरह है। उद्यमी हवा में ही एक पैराशूट का निर्माण करता है और यह उम्मीद करता है कि वो जमीन से टकराने से पहले खुलेगा।कोर्पोरेट जगत से जुड़े श्री लोकेश मेहरा् ने कहा कि युवाओ को उद्द्यमी बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये इससे देश मैं उद्यमशीलता को गति मिलेगी . उन्होने डिजिटल सेक्टर मैं हो रही नये अवसर को सभी के साथ साझा किया एक अन्य उद्द्यमी अजय टोंगर ने भी कहा कि अगर ईरादा मजबूत हो तो आसमान की कोई सीमा नही.
इस अवसर पर सी ई जी आर की अध्यक्ष जयश्री श्रीवास्तव ने सी ई जी आर द्वारा की जा रही महत्वपूर्ण पहल की जानकारी दी. इस अवसर पर संगठन के सचिव रवीश रोशन ने बतया कि संगठन के ' उद्द्यमी बने 'अभियान के तहत बड़ी तादाद मे छात्र प्रेरणा ले रहे है, और यह अभियान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.वी एन आई