लंदन,8 नवंबर (शोभना जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस सप्ताह होने वाली ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनो पक्ष रणनीतिक संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए सहयोग का महत्वाकांक्षी दीर्घकालीन एजेंडा तैयार करेंगे.प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा से पूर्व आज ब्रिटिश अखबार दि संडे टाइम्स' के लिए लिखे एक विशेष लेख में भारत और ब्रिटेन के संबंधो को असाधारण बताते हुए कहा कि इस दौरान वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ रणनीतिक संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए सहयोग का महत्वाकांक्षी दीर्घकालीन एजेंडा तैयार करेंगे'
प्रधान मंत्री आगामी 12 नवंबर से ब्रिटेन की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे है. तीन दिवसीय इस यात्रा के दौरान इस दौरान वे प्रधानमंत्री केमरन के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढाने के लिये शिष्टमंडल स्तर की वर्ता करेगे, जिस दौरान अनेक अहम फैसले लिये जाने की उम्मीद है इस दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय उनके सम्मान मे एक दोपहर भोज ्देंगी. इसके साथ हे लंदन के वैम्बले स्टेडियम मे वह ब्रिटेन मे बसे लगभग ६०,००० प्रवासी भारतीयो को न्यूयॉर्क के मेडीसन स्कावयर की तरह संबोधित करेंगे, जिस कार्यक्रम् की खासी चर्चा है
इस विशेष लेख मे प्रधानमंत्री ने लिखा है, 'मैं अपनी ब्रिटेन यात्रा को आकांक्षा और उत्साह के साथ देखता हूं। ब्रिटेन हमारा एक खास साझीदार है और हमारे संबंध कोई साधारण संबंध नहीं हैं.' मोदी ने कहा, 'मैं आने वाले समय में हमारे संबंधों में काफी आशा और संभावना देखता हूं। ब्रिटेन का आर्थिक पुनरत्थान आश्चर्यजनक है. प्रौद्योगिकी और सेवाओं में नवप्रवर्तन की इसकी संस्कृतिक कई क्षेत्रों में इसकी अग्रणी स्थिति का मजबूत आधार है.' ब्रिटेन को एक ‘विशेष साझीदार' बताते हुए मोदी ने कहा कि उनकी आगामी यात्रा संबंधों की ‘विविधता और विस्तार' का एक उत्सव होगा.
उन्होंने लिखा, 'वेस्टमिनिस्टर, लंदन शहर और वेंबले स्टेडियम से दूर डेविड कैमरन और मैं हमारी रणनीति साझीदारी को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी दीर्घकालीन एजेंडा भी तैयार करेंगे' भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, 'भारत में निवेश के लिहाज से ब्रिटेन दुनिया के प्रत्येक देशों से आगे है और भारतीय ब्रिटेन में पूरे यूरोपीय संघ के मुकाबले कहीं अधिक निवेश करते हैं'.
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, ' हम भविष्य के मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं, खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा का समाधान खोजने के प्रयास कर रहे हैं और जलवायु जैसी उभरती चुनौतियों से निपटने में लगे हैं. हमारी सुरक्षा एजेन्सियां हमारे शहरों, हमारे नागरिकों और हमारे साइबर नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए गठबंधन कर रही हैं'.एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता हासिल करने के भारत के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा, 'हम अपने पडोसियों के लिए भी उसी तरह का भविष्य देखना चाहते हैं जैसा भविष्य हम भारत के लिए देखने की इच्छा रखते हैं'.
हिंद महासागर को ‘विश्व की जीवन रेखा' करार देते हुए मोदी ने कहा,' हम हिंद महासागर को सुरक्षित और वाणिज्य के लिए मुक्त बनाए रखने के लिए अपनी तरफ से प्रयास करेंगे। हम एक शांत और सहकारी एशिया प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए योगदान करेंगे.| वीएनआई