मुंबई, 13 दिसम्बर (वीएनआई)| इंडियन सुपर लीग के तीसरे सीजन में एटलेटिको दे कोलकाता ने फाइनल में जगह बना ली है। जोस मोलिना की इस टीम ने मंगलवार को हाफ टाइम से पहले से ही 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे होने के बावजूद पहले सेमीफाइनल के दूसरे चरण के मुकाबले में मुम्बई सिटी एफसी को उसी के घर में गोलरहित बराबरी पर रोक दिया।
कोलकाता ने बीते शनिवार को अपने घर में खेले गए पहले चरण के मुकाबले में मुम्बई को 3-2 से हराया था। अब उसने इसी अंतर से 2014 के बाद दूसरी बार फाइनल में जगह बना ली है। 2014 में उसने खिताब भी जीता था लेकिन 2015 में वह सेमीफाइनल में चेन्नयन एफसी के हाथों हार गई थी। फाइनल में कोलकाता का सामना बुधवार को दिल्ली और केरल के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। केरल ने पहले चरण के मुकाबले में दिल्ली को 1-0 से हराया था। वैसे इस गोलरहित मैच का समापन बहुत दुखद: तरीके हुआ। दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में भिड़ते नजर आए, जो फुटबाल के लिहाज से अच्छा दृश्य नहीं रहा। मुम्बई ने अपने घर में खेल रहे होने के बावजूद 10 खिलाड़ियों तक सीमित कोलकाता पर दबाव बनाने के लिए मिले 48 मिनट जाया कर दिए और इस कारण उसे एक बार फिर फाइनल का टिकट नहीं मिल सका। काफी हद तक इस सीजन में घर में मुम्बई का खराब प्रदर्शन इस मैच में उसकी लचरता का कारण बना।
बहरहाल, पहले हाफ में गोल तो नहीं हो सका लेकिन यह हाफ एक्शन और ड्रामा के लिहाज से कम नहीं रहा। इसी तरह के खेल की उम्मीद दर्शक और प्रशंसक करते हैं। कुल मिलाकर यह हाफ दोनों टीमों के नाम रहा। दोनों टीमों ने काफी जल्दी-जल्दी और तेज आक्रमण किए। मैच में गोल करने का सबसे अच्छा मौका सुनील छेत्री के पास आया था लेकिन आमने-सामने होने के बावजूद छेत्री छठे मिनट में कोलकाता के गोलकीपर देबजीत मजूमदार को छका नहीं सके। इसके बाद 43वें मिनट में रोबर्ट लालथालामुआना को दूसरा पीला कार्ड दिखाया गया और इसके साथ कोलकाता की टीम 10 खिलाड़ियों तक सीमित हो गई। रोबर्ट को इससे पहले 34वें मिनट में पहला पीला कार्ड मिला था। मुम्बई को यह मैच जीतने और फाइनल में जगह बनाने के लिए दो गोल के अंतर से जीत चाहिए थी, जो उसके खेल के स्तर के लिहाज से काफी मुश्किल नजर आ रहा था लेकिन ऐसे में जबकि कोलकाता की टीम 10 खिलाड़ियों तक सीमित हो गई थी, मुम्बई की टीम दूसरे हाफ में अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाते हुए यह कारनामा कर सकती थी।
पहला हाफ गोलरहित बीतने के बाद कोलकाता ने हालात की गम्भीरता को देखते हुए दूसरे हाफ की शुरुआत में ही अबिनाश रुइदास को बाहर कर दिया। रुइदास को पहले हाफ के इंजुरी टाइम में पीला कार्ड मिला था। इसके बाद उसने नए सिरे से आक्रमण शुरू किया और साथ ही साथ मुम्बई को हावी होने का मौका नहीं दिया। लेकिन ऐसा लगा कि किस्मत कोलकाता के साथ नहीं है। 64वें मिनट में उसके गोलकीपर देबजीत मजूमदार को पीला कार्ड मिला। दूसरी ओर, मुम्बई की टीम तमाम प्रयासों के बाद भी 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही कोलकाता की टीम पर दबाव बनाने में नाकाम रही। इसे मुम्बई की नाकामी कही जाएगी और कोलकाता की टीम बधाई की पात्र है कि उसने एक खिलाड़ी कम होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। चरण के सेमीफाइनल मैच में कोलकाता के लिए उसके कनाडाई स्ट्राइकर इयान ह्यूम ने दो गोल किए थे। एक समय मुम्बई की टीम 2-1 से आगे थी लेकिन कोलकाता ने उससे जीत छीन ली। इस तरह ह्यूम के वे दो गोल कोलकता को दूसरी बार आईएसएल के फाइनल में पहुंचाने के लिए काफी साबित हुए।