लखनऊ, 25 जनवरी (वीएनआई)| उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में दुग्ध उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि दुग्ध उत्पादकों तथा उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
शास्त्री भवन में बीते बुधवार को देर रात चली बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुग्ध नीति का उद्देश्य यह होना चाहिए कि उत्पादकों की आय में वृद्घि हो और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर विविध प्रसंस्कृत दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद सुलभ हों। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जाए। दूध उत्पादन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में प्रोत्साहन दिए जाने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने 'उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018' के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि दुग्ध क्षेत्र के उद्यमियों एवं निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी किया जाए। उन्होंने दुग्ध क्षेत्र में उपलब्ध मानव संसाधन की क्षमता एवं कौशल में वृद्घि किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभिनव शोध, विकास तथा तकनीकी उन्न्यन को बढ़ावा दिया जाए।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्घ है। दुग्ध नीति ऐसी होनी चाहिए कि दुग्ध उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल वातावरण बने। उन्होंने दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन के लिए समय पर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रसंस्करण इकाइयों में कुशल, ईमानदार और निष्ठावान कर्मचारियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ इन इकाइयों के संचालन से पूर्व दूध उपार्जन और मार्केटिंग की तैयारी पूरी कर ली जाए। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पशुधन मंत्री एस पी सिंह बघेल सहित कृषि उत्पादन आयुक्त आर पी सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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