नई दिल्ली, 19 जुलाई, (वीएनआई), 2019 लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने उत्तरप्रदेश में होने जा रहे गठबंधन को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। साथ ही रायबरेली और अमेठी सीट पर कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है।
सूत्रों ने बताया है कि बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं। साथ ही दोनों में से किसी ने भी किसी खास इलाके के लिए जिद नहीं की है। दोनों पार्टियां इस गठबंधन में कांग्रेस के लिए कितनी सीटें छोड़ेंगी, अभी यह तय नहीं हुआ है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव, आरएलडी और निषाद पार्टी जैसे छोटे दलों को भी इस गठबंधन में कुछ सीटें दिए जाने के हिमायती हैं। खबरें तो ये भी हैं कि भाजपा सरकार में शामिल एसबीएसपी भी इस गठबंधन में शामिल हो सकती है। इस पार्टी के मुखिया और यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर खुले तौर पर योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वहीं गठबंधन को मजबूत दिखाने के लिए सभी बड़े नेताओं ने खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती खुद लोकसभा चुनाव मैदान में उतरेंगी। मायावती 2004 के बाद कोई लोकसभा चुनाव लड़ेंगीं।
अखिलेश यादव ने आगरा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि एसपी और बीएसपी का साथ आना एक महागठबंधन बनने की शुरुआत है और कांग्रेस भी इसमें एक दोस्त की भूमिका में रहेगी। वहीं मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी बीएसपी के साथ कांग्रेस से गठबंधन और हरियाणा में आईएनएलडी और यूपी में सपा के साथ गठबंधन ने प्रधानमंत्री बनने की मायावती की महत्वाकांक्षा को बढ़ा दिया है। बीएसपी के एक नेता ने बताया है कि इसलिए मायावती चाहती हैं कि इस गठबंधन की नींव मजबूत हो।
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