प्रधानमंत्री मोदी ने उप राष्ट्रपति अंसारी से कहा, 'आपकी राजनयिक अंतर्दृष्टि अमूल्य थी'

By Shobhna Jain | Posted on 10th Aug 2017 | राजनीति
altimg

नई दिल्ली, 10 अगस्त (वीएनआई)| राज्यसभा ने आज ऊपरी सदन के सभापति व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को भावुक विदाई दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी राजनयिक अंतर्दृष्टि की प्रशंसा की। अंसारी कई देशों में भारतीय राजदूत के तौर पर काम कर चुके हैं और वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रह चुके हैं।

प्रधानमंत्री अंसारी ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी दिन सदन की अध्यक्षता की और विभिन्न दलों के सदस्यों ने एक दशक तक संवैधानिक व संसदीय मूल्यों को कायम रखते हुए राज्यसभा का संचालन करने के लिए उनकी सराहना की। मोदी ने कहा कि अंसारी अपने पीछे कई बेहतरीन यादें छोड़कर जा रहे हैं और उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, आप एक करियर राजनयिक रहे हैं..इसका क्या मतलब होता है, यह मुझे प्रधानमंत्री बनने पर समझ में आया। आपको गौर से देखकर मैंने एक करियर राजनयिक के व्यवहार को समझा। उन्होंने कहा, आपका राजनयिक ज्ञान अमूल्य था, खासकर तब..जब मैंने अपने द्विपक्षीय दौरों के पहले और बाद में आपसे चर्चा की। मैं आपकी अंतर्दृष्टि की प्रशंसा करता हूं। देश को आगे बढ़ाने के लिए मैं आपका और आपकी प्रतिभा का आभारी हूं।"

वित्तमंत्री व राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने कहा कि सदन के प्रतिष्ठित अध्यक्ष के रूप में 10 साल पूरे करने के बाद अंसारी को विदाई देना भावुक अवसर है। जेटली ने कहा, "सार्वजनिक जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में आपका अनुभव रहा है, लेकिन राजनीतिक बिरादरी को संभालना एक अलग अनुभव था।" उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी चुनौतीपूर्ण रहा कि यह सदन (राज्यसभा) 1950 और 60 के दशक जैसा नहीं रहा है, अब इसका चरित्र बदल चुका है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अंसारी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अन्य सभापतियों के मुकाबले वह सर्वश्रेष्ठ हैं। आजाद ने कहा, "आप कूटनीति के साथ सत्र चलाते रहे। आप एक खिलाड़ी भी हैं। मुझे लगता है कि अब आपको गोल्फ खेलने का समय मिलेगा। मैं अल्लाह से आपकी लंबी उम्र की दुआ करता हूं।

तमिलनाडु के द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के तिरुचि सेल्वा ने कहा कि उन्हें अंसारी से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा, मुझे आपके साथ विदेश यात्रा करने का मौका मिला। जहां मैंने आपाकी उदारता, सहिष्णुता और विनम्रता देखी। आप देश को लेकर चिंतित थे। आपने बड़े मुद्दों के आसान समाधान दिए। यह आपकी प्रशंसा करने के लिए अतिशयोक्ति नहीं है। मैंने यहां उत्तर भारतीय सदस्यों से जो सीखा है, वह है : कभी अलविदा ना कहना।


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024
Thought of the Day
Posted on 21st Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

altimg
Today in history

Posted on 12th May 2022

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india