मुंबई, 30 जून, (वीएनआई) 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कुछ दल जहां बीजेपी और कांग्रेस से अलग तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिशों में जुटे है, वहीं इन अटकलों पर विराम लगते हुए एनसीपी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा है कि तीसरा मोर्चा 'व्यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा।
एनसीपी अध्यक्ष पवार का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने जल्द से जल्द तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है। शरद पवार ने एक निजी टाइम्स नाउ के साथ खास बातचीत में कहा कि तीसरा मोर्चे के रूप में विभिन्न दलों का महागठबंधन अव्यवहारिक है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए। साक्षात्कार के दौरान शरद पवार ने प्रधानमंत्री पद के लिए किसी नाम के ऐलान से परहेज किया लेकिन संकेत दिया कि वर्ष 1977 में जैसे मोरार जी देसाई विजयी दलों का चेहरा बने थे, उसी तरह से इस बार भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्प के लिए बहुत भरोसा नहीं है। मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है। आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं। आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं। उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई।'
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