नई दिल्ली, 2 अगस्त (वीएनआई)| संसद में आज राज्यसभा की कार्यवाही बेंगलुरू के एक रिसॉर्ट में आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर हंगामे के बीच बार-बार स्थगित हुई। बेंगलुरू के जिस रिसॉर्ट में आयकर विभाग की छापेमारी हुई है, वहां गुजरात से कांग्रेस के 44 विधायक ठहरे हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि रिसॉर्ट पर छापेमारी से इनकार किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी वहां सिर्फ एक व्यक्ति (कर्नाटक के मंत्री डी.के. शिवकुमार) को पकड़ने गए थे।
कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया। आनंद शर्मा ने कहा, "बीते कुछ दिनों से हम सत्ता का दुरुपयोग कर चुनाव प्रक्रिया में व्यवधान डालने की कोशिशों को लेकर चिंता जता रहे हैं। आज एक रिसॉर्ट में कांग्रेस के मंत्री पर आयकर विभाग की छापेमारी की गई, जहां हमारे विधायक ठहरे हुए थे। वहीं सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले लोगों को धमकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।उन्होंने कहा, इस देश में क्या हो रहा है? इस सदन और निर्वाचन आयोग को सुनिश्चित करना होगा कि निष्पक्ष चुनाव हों।"
राज्यसभा चुनाव आठ अगस्त हो रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसमें से एक कांग्रेस का बागी नेता भी है। जेटली ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि छापेमारी एक मंत्री के खिलाफ की गई थी, रिसॉर्ट में ठहरे अन्य मंत्रियों के खिलाफ नहीं। कांग्रेस सदस्य आसन के पास आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद आसन ने 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने फिर यही मुद्दा उठाया, जिसके बाद हंगामे के बीच कार्यवाही फिर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही फिर शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया। सभापति अंसारी ने सदस्यों से प्रश्न काल चलने देने का बार-बार आग्रह किया। लेकिन हंगामा न रुकते देख सदन की कार्यवाही फिर से दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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