पटना, 21 अगस्त (वीएनआई)| बिहार की राजनीति एक बार फिर राज्य में एक स्वयंसेवी संस्थान सृजन महिला विकास सहयोग समिति के जरिए करीब 700 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर गर्म है। इस घोटाले को लेकर 80 विधायकों वाले मुख्य विपक्षी दल राजद ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से इस्तीफे की मांग की है।
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, बिहार में यह महाघोटाला किया गया है। सृजन घोटाले की जानकारी नीतीश कुमार और सुशील मोदी को पहले से थी। इन दोनों के रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है, इसलिए पहले दोनों से इस्तीफा लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़े का कार्य साल 2009 से चल रहा था। उन्होंने तर्क देते हुए कहा, "इसी तरह जब लालू प्रसाद पर चारा घोटाले के आरोप लगाए गए थे, उस वक्त उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और अब निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को भी इस्तीफा देना होगा।
इधर, जनादेश को नजरअंदाज कर महागठबंधन तोड़ने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साध रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी नीतीश और सुशील मोदी से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले की जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय से कराई जानी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि आरोपी महेश मंडल की बीमारी से मौत नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या करवाई गई है। उन्होंने कहा कि मृतक आरोपी का बेटा जद (यू) के जिला स्तर का नेता है, उसके बाद भी मुख्यमंत्री में संवेदना नहीं है। उन्होंने कहा, "जब मेरे ऊपर केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा कथित भ्रष्टाचार के मामले में झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई, तब हमें सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि ये भ्रष्टाचार पर कौन सा जीरो टॉलरेंस है?" तेजस्वी ने कहा, नीतीश कुमार को यह भी बताना चाहिए कि ये कौन सा सिद्धांत है, कौन सी विचारधारा है। इतना बड़ा घोटाला हो गया है, लेकिन वे चुप हैं। हम 'जनादेश अपमान यात्रा' पर तो निकले ही हैं, इस मामले को लेकर अब 'सृजन यात्रा' भी करेंगे और बिहार के सभी स्थानों पर जाकर लोगों को इसकी जानकारी देंगे।
सृजन घोटाले के एक आरोपी की रविवार को मौत हो गई है। मृतक जिला कल्याण विभाग के नाजिर पद पर कार्यरत था और निलंबित था। इसी तरह भाजपा शासित मध्यप्रदेश में शिवराज राज के बहुचर्चित व्यापम घोटाले से जुड़े 58 लोगों की रहस्यमय ढंग से मौत हो चुकी है। आरोप है कि भागलपुर के सबौर स्थित स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में करती थी। यह मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की है। फिलहाल इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है। इस मामले में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के घोटाले का आरोप है। अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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