नई दिल्ली, 1 अगस्त (वीएनआई)| राज्यसभा में आज विभिन्न कारणों से बार-बार हो रहे हंगामे और व्यवधान की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हुई। कांग्रेस के सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान गुजरात में राज्यसभा चुनाव में नोटा (किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना) को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने का विरोध किया।
सभापति हामिद अंसारी ने सांसदों को बताया कि इस तरह के मुद्दों को उठाने का यह सही समय नहीं है। लेकिन विपक्षी सांसदों ने जोर देकर कहा कि यह राज्यसभा चुनाव से जुड़ा हुआ मामला है और इसे उठाया जा सकता है। अंसारी ने पहले सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की, लेकिन इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्यों ने फिर हंगामा शुरू किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने हर महीने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में प्रति सिलेंडर चार रुपये की वृद्धि और धीरे-धीरे सब्सिडी खत्म करने के सरकार के फैसले की आलोचना की। विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी की, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।इसके बाद सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई, विपक्ष ने इस मुद्दे को फिर उठाया। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने नारेबाजी के बीच सरकार का बचाव किया, लेकिन विपक्षी सांसदों ने उन्हें अनसुना कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न् 11 बजे शुरू होने के साथ ही सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को संसद परिसर में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रम में राज्यसभा सभापति और उपसभापति को आमंत्रित नहीं करने का मुद्दा उठाया? आजाद ने कहा कि यह पूरे सदन का अपमान है। इस दौरान माकपा के सीताराम येचुरी, द्रमुक के तिरुची शिवा और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने उनका समर्थन किया।उन्होंने कहा कि सरकार राज्यसभा को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है।
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