नई दिल्ली, 23 अप्रैल (वीएनआई)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय को 'कुचलने और दबाने' का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन को संविधान द्वारा निर्मित संस्थानों को बर्बाद नहीं करने देगी।
राहुल यहां कांग्रेस के 'संविधन बचाओ' अभियान के तहत सभा को संबोधित कर रहे थे। राहुल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, लोकसभा, विधानसभा और चुनाव आयोग का गठन संविधान के आधार पर किया गया था जो कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर और कांग्रेस की देन है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार इन संस्थानों में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों की भर्ती कर रही है। राहुल ने कहा, ऐसा पहली बार हुआ है कि सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीश न्याय के लिए लोगों के पास गए। सर्वोच्च न्यायालय को कुचला जा रहा है, इसे दबाया जा रहा है। संसद को चलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएनबी घोटाले, ललित मोदी और विजय माल्या के भगाने और राफेल युद्धक विमान सौदा पर संसद का सामना करने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर मुझे मोदी के समक्ष संसद में राफेल मुद्दे पर 15 मिनट बोलने का मौका दिया जाए, तो वह इसके सामने खड़े नहीं हो सकेंगे।
बजट सत्र के दूसरे चरण के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि सत्ता पक्ष ने सदन में 'व्यवधान' उत्पन्न किया जोकि सामान्यत: विपक्षी दल करते हैं। राहुल ने आरएसएस की विचारधारा को भारतीय संविधान के विपरीत बताया। उन्होंने कहा, "यह विचारधारा इस दस्तावेज (संविधान) के विपरीत है..अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम को कमजोर किया गया। राहुल ने कहा कि आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लोगार्ड ने मोदी को हाल ही में कहा कि भारत में महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार हो रहे हैं। राहुल ने कहा, उन्होंने (लोगार्ड ने) उनसे (मोदी से) कहा कि आपकी सरकार भारतीय महिलाओं के लिए सही उपाय नहीं कर रही है, उनकी मदद नहीं कर रही है और उनके विरुद्ध अत्याचार हो रहे हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री खामोश हैं। राहुल ने कहा, "दूसरे देश हमारी तरफ देखा करते थे..मोदीजी ने देश की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया। राहुल ने कहा, वे लोग (भाजपा) कांग्रेस की ताकत और विचारधारा की मजबूती देखेंगे। उन लोगों ने यह देखना शुरू भी कर दिया है। वे लोग इसे ज्यादा से ज्यादा 2019 तक देखेंगे, जब हम उन्हें सत्ता से हटा देंगे।
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