नई दिल्ली, 22 जनवरी (वीएनआई)| बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर के पोते दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने आज आरोप लगाया कि पीएमओ ने हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिडे को गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है।
भिडे के खिलाफ भीमा-कोरेगांव समारोह के दौरान हिंसा की साजिश रचने के लिए इस माह मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भिडे के बीच अच्छे संबंध हैं। अंबेडकर ने संवाददाताओं से कहा, महराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भिडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद आश्वस्त किया था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन, हमने जब इस संबंध में पूछताछ की तो पता चला कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें गिरफ्तार नहीं करने या उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा, मोदी ने भिडे की सलाह पर लाल किले से दिए अपने पहले भाषण में भगवा पगड़ी पहनी थी। मोदी ने एक समारोह में उनकी प्रशंसा की थी। यह संबंध है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी, तो उनका संगठन पूरे देश में इस मुद्दे को उठाएगा। प्रकाश ने कहा, "भिडे ने यहां तक की अंतरिम जमानत के लिए कोई आवेदन दाखिल नहीं किया है क्योंकि वह आश्वस्त हैं कि पीएमओ उनकी रक्षा कर रहा है। प्रकाश अंबेडकर ने मांग करते हुए कहा कि भिडे और अन्य हिंदुत्व समर्थक नेता मिलिंद एकबोटे को तत्काल भीमा-कोरेगांव हिंसा के लिए गिरफ्तार करना चाहिए।
भारिपा बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कहा, हिंदू धर्म में 'बिना जांचे परखे और लंपट' संगठन समाज और देश के लिए खतरा बन गए हैं।
उन्होंने कहा, "इस तरह के संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के समानांतर खड़े हो गए हैं और इसके अस्तित्व को भी खतरे में डाल दिया है। वे लोग मूलत: आरएसएस के अस्तित्व को चुनौती दे रहे हैं। अंबेडकर ने कहा, इस तरह के बिना जांचे परखे संगठन हालात को निर्देशित कर रहे हैं और इसलिए सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकती है।उन्होंने कहा, इन लोगों ने खुद को कानून से परे घोषित कर दिया है। यही पाकिस्तान में (लश्कर-ए-तैयबा के सह संस्थापक) हाफिज सईद कर रहा है। उसने अपने आप को इस तरह स्थापित कर लिया है कि कार्रवाई के अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बावजूद उसका कोई बाल बांका नहीं कर सकता। हमें हाफिज सईद जैसा कोई भारत में नहीं चाहिए। प्रकाश ने कहा, आरएसएस ने कहा है कि वह भिडे से सात वर्ष पहले और एकबोटे से आठ वर्ष पहले संबंध तोड़ चुका है। भीमा-कोरेगांव और महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव युद्ध समारोह के दौरान उस वक्त हिंसा फैल गई थी जब कुछ भगवा झंडाधारी लोगों ने समारोह के लिए जा रहे वाहनों पर पथराव कर दिया था। इसके बाद मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में 2 व 3 जनवरी को हिंसा फैल गई और प्रदर्शनकारियों ने पूरे महाराष्ट्र में बंद का आह्वान किया था।
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