पटना, 17 नवंबर (वीएनआई)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि सहकारिता क्षेत्र का विकास कृषि के विकास के लिए आवश्यक है। वर्ष 2017-22 के लिए बने तीसरे कृषि रोडमैप में सहकारिता जगत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं, जिससे बिहार में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के साथ ही किसानों की आमदनी को भी बढ़ाया जा सके।
अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह (14-20 नवंबर) के मौके पर यहां सहकारी उन्मुखीकरण कार्यशाला कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षो के दौरान सहकारिता जगत में काफी कुछ किया गया है, जिसका परिणाम आज सबके सामने है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 136़ 58 करोड़ रुपये की लागत से कई विभागीय योजनाओं का उद्घाटन रिमोट के जरिए किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, अधिप्राप्ति बहुत ही आवश्यक है, जबकि बिहार में पहले अधिप्राप्ति न के बराबर हुआ करती थी, जिसके कारण किसानों को औने-पौने दामों में अनाज व्यापारियों को बेचना पड़ता था। परंतु, अब हम अन्न के मामले में स्वावलंबी बने हैं और आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन बिहार में हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिले, इसके लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) से जुड़े सदस्यों की संख्या 37 लाख से बढ़कर 1़ 16 करोड़ हो गई है, जबकि महिला सदस्यों की संख्या 2 लाख से ज्यादा हो गई है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि बिहार पहला राज्य है, जिसमें अधिप्राप्ति के लिए पैक्सों को चुना गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता जगत का बेहतर विकास हो, यह सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स योजना के तहत चयनित पैक्सों को सम्मानित भी किया जाएगा, जिससे उनमें एक प्रतिस्र्पद्धा का माहौल कायम हो और पैक्सों के अंदर और अधिक अच्छा करने की प्रवृत्ति पनपे।" इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार सहित कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।
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