नई दिल्ली, 26 अप्रैल (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी ने आज कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की किसी भी संभावना से इनकार किया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि त्रिशंकु विधानसभा के बारे में 'माहौल को बनाया जाना' सिर्फ कांग्रेस के शुभचिंतकों का प्रचार है, जो आगामी विधानसभा चुनावों में बदलाव चाहने वाले लोगों को भ्रमित करने के लिए है।
कर्नाटक विधानसभा के 12 मई को होने वाले चुनावी मुकाबले में उतरने वाले भाजपा उम्मीदवारों से नरेंद्र मोदी एप के जरिए बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए एक पूर्ण बहुमत की सरकार जरूरी है। उन्होंने कहा, "कर्नाटक के लोगों ने राज्य में बदलाव का निर्णय लिया है, लेकिन कांग्रेस के शुभचिंतकों द्वारा एक झूठ फैलाया जा रहा है। वे कांग्रेस के जरिए अपनी इच्छा पूरी करना चाहते हैं. इसलिए कह रहे हैं कि इस बार राज्य में त्रिशंकु विधानसभा होगी। उन्होंने कहा, इस तरह का झूठ 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी फैलाया गया था। नतीजों के आने तक उन्होंने ऐसा किया। यह कुछ नहीं बल्कि बदलाव चाहने वाले लोगों को भरमानो की साजिश है। उन्होंने कहा, केंद्र में 30 सालों के बाद हमें पूर्ण बहुमत की सरकार मिली और हमें फैसले लेने में नीतिगत अक्षमता से मुक्ति मिली और वैश्विक स्तर पर देश को सम्मान बढ़ा। उन्होंने कहा, वे लोग साजिशें रच रहे हैं क्योंकि कर्नाटक के लोग दिल्ली के साथ हाथ मिलाकर विकास चाहते हैं। वे केंद्र सरकार के 2022 तक न्यू इंडिया के संकल्प में योगदान देना चाहते हैं।
कांग्रेस पर झूठ के सहारे चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कर्नाटक के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, वे (कांग्रेस) झूठ, धन बल, जातीयता व भाई-भतीजावाद के आधार पर चुनाव लड़ते हैं। वे समाज को जाति के जहर के नाम पर बांटने की कोशिश में हैं। भाजपा 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' व 'सबका साथ सबका विकास' के मंत्र को मानती है। पार्टी कैडर से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार व भाजपा सरकार द्वारा कर्नाटक के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन का एक पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। उन्होंने अन्य योजनाओं के साथ तुलना करते हुए कहा, "कर्नाटक में 14,000 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्य प्रक्रिया में है। हमने चार सालों में कर्नाटक में 1,750 किमी राजमार्ग का निर्माण किया है, जबकि संप्रग ने सिर्फ इसका आधा निर्माण किया था।" उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार अगर संकीर्ण राजनीति में शामिल नहीं रही होती और पूरा सहयोग दिया होता तो राज्य का इससे बेहतर विकास हो सकता था।
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