नई दिल्ली, 24 जुलाई, (वीएनआई) वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कालेधन पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि स्विस बैंक के मुताबिक भारतीयों के लोन और डिपॉजिट में पिछले साल की तुलना में 34.5 फीसदी कमी आई है। कालेधन पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्र सरकार ने स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे पर यह नया आंकड़ा बताया है।
पीयूष गोयल ने कहा कि 2013 से लेकर 2017 तक स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 80 फीसदी घटा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों स्विस नैशनल बैंक (SNB) की ओर से जारी एक रिपोर्ट ने विपक्ष को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका दिया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि स्विस बैंकों में भारतीयों का धन 50 फीसदी बढ़ गया है। इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए इंडियन नैशनल लोक दल (INLD) के सांसद राम कुमार कश्यर ने राज्यसभा में सवाल पूछा। उन्होंने मोदी सरकार से पूछा कि कार्रवाई के दावों के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा कैसे बढ़ गया।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार की तरफ से जवाब देते हुए इसे बेबुनियाद खबर बताते हुए खारिज किया। पीयूष गोयल ने बताया कि स्विस बैंक ने इस संबंध में जवाब भेजा है जिसमें कहा गया है कि बैंक द्वारा जारी आंकड़े की व्याख्या ठीक से नहीं की गई। इस वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हुई। पीयूष गोयल ने कहा कि स्विस बैंक ने बैंक फॉर इंटरनैशनल सेटलमेंट के साथ मिलकर डेटा तैयार किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्विस बैंकों में पिछले साल की तुलना में भारतीयों के सारे लोन व डिपॉजिट में 34.5 फीसदी की कमी आई है।
आईएनएलडी के सांसद ने फिर सरकार से पूछा कि जिस में 50 फीसदी जमा बढ़ने की खबर आई थी उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिख कहा था कि स्विस बैंक में जमा सारा पैसा कालाधन नहीं है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि हमें यह बताया जाए कि इसमें से कितना कालाधन है। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने 2011 में स्विस बैंक से एक संधि की थी। इसके मुताबिक स्विस बैंक को भारत के साथ जानकारियां साझा करनी थीं। गोयल ने दावा किया कि उस दौरान कई अहम जानकारियां स्विस बैं ने नहीं दीं। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आने के बाद स्विस बैंक से 4000 से अधिक जानकारियां मांगी गईं हैं। वित्त मंत्री ने दावा किया कि इन जानकारियों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
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