पिनाराई विजयन ने कहा कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना नहीं

By Shobhna Jain | Posted on 17th Oct 2017 | राजनीति
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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (वीएनआई)| मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठजोड़ की संभावना से इनकार किया है, हालांकि भाजपा से मुकाबले के लिए 2019 के आम चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ रणनीतिक गठबंधन की संभावना से उन्होंने पूरी तरह से इनकार नहीं किया। 

विजयन ने एक साक्षात्कार में कहा, सामान्य रूप से अगर कहूं तो कांग्रेस के साथ किसी प्रकार के गठजोड़ की कोई संभावना नहीं है। कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है जिसके साथ हम गठबंधन कर सकें। बाकी चीजें महज कल्पना हैं। मुख्यमंत्री ने केरल में वाममोर्चा के खिलाफ भाजपा-आरएसएस के 'फ्लॉप शो', गोमांस प्रतिबंध और देश में असहिष्णुता के माहौल के बारे में भी बात की। राज्य में 'जनरक्षा यात्रा' शुरू करने वाली भाजपा और संघ के दबाव में आए दिग्गज नेता ने भाजपा और संघ परिवार के साथ 'नख से शिख' तक लड़ने का निश्चय करते हुए कहा कि वे (संघ परिवार) केरल को 'बर्बाद' करना चाहते हैं, जो यहां की जनता होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा 'अपनी नीतियों के साथ देश की दुश्मन बन गई है' और देश नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण गंभीर आर्थिक संकट में पड़ गया है। उन्होंने भाजपा पर पूरी तरह आरएसएस की विचारधारा पर चलने और लोगों की खाने-पीने की आदतों में जबरन बदलाव करने और बुद्धिजीवियों के खिलाफ हिंसा के जरिए असहिष्णुता फैलाने का आरोप लगाया।

पार्टी की केंद्रीय समिति की हाल ही में सम्पन्न हुई तीन दिवसीय बैठक के मद्देनजर चुनाव पूर्व गठजोड़ पर माकपा नेता का रुख महत्वपूर्ण है। बैठक में इन अनुमानों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी वी. एस. अच्युतानंदन के नेतृत्व वाला पार्टी का एक धड़ा भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस के साथ गठजोड़ के पक्ष में है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पार्टी की केंद्रीय समिति कांग्रेस के साथ गठजोड़ के मसले पर 32-31 के आंकड़े से विभाजित है। पूर्व महासचिव प्रकाश करात के नेतृत्व वाला धड़ा कांग्रेस से हाथ मिलाने के सख्त खिलाफ है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी भाजपा को दूर रखने के लिए कांग्रेस के साथ गठजोड़ न करने की रणनीति पर पुनर्विचार करेगी, विजयन ने कहा, "पार्टी चुनाव के बारे में उसी समय फैसला लेगी। हम इस बारे में उसी समय बात कर पाएंगे। हम फिलहाल इस पर कोई मुकम्मल फैसला नहीं ले सकते। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साथ सीटों के रणनीतिक समायोजन की संभावना है, उन्होंने कहा, "वर्तमान परिस्थिति में हमारा यही रुख है। बाकी चीजों के बारे में हम चुनाव के समय सोचेंगे।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2004 के चुनाव में भी भाजपा के कारण वाम मोर्चा और कांग्रेस न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आए थे, लेकिन कांग्रेस द्वारा बनी सरकार ने नव उदारीकरण की नीतियां जारी रखीं, जो अब भाजपा की नीतियां हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा प्रमुख शत्रु है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कांग्रेस की नीतियां स्वीकार्य हैं। हमारा रुख सांप्रदायिकता और नव उदारीकरण नीतियों का विरोध करना है। कांग्रेस ने कभी स्वीकार नहीं किया कि उसने कोई भूल की। गैर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि माकपा, भाजपा को शिकस्त देने के लिए चुनावी गठबंधन करेगी।केरल के कन्नूर जिले में माकपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक हिंसा और सत्तारूढ़ दल पर संघ परिवार द्वारा किए जा रहे मौखिक हमलों के बारे में पूछे जाने पर विजयन ने इसके लिए पूरी तरह आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "इसकी शुरुआत आरएसएस ने की थी। यह हमला एक खास तरह से ताकत (क्षेत्र का नियंत्रण) हासिल करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, "अब, हमने शांति वार्ताओं के जरिए इस हिंसा को खत्म करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने सर्वदलीय बैठकों और द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से दो स्तरों पर चर्चाएं कीं और शांति बहाली के प्रयास पर सहमति बनी।" उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बाद भी घटनाएं हुई जिसकी अगुवाई आरएसएस ने की। यही वजह है कि यह समस्या समाप्त नहीं हो रही है।

विजयन ने चुनाव अभियान शुरू करने के लिए इस महीने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कन्नूर के पय्यानूर में निकाली गई जनरक्षा यात्रा को 'पूरी तरह फ्लॉप' करार दिया। उन्होंने कहा, "अमित शाह को लगा कि पूरा केरल पागल होकर उनके पीछे आएगा। मार्च में उनके साथ सड़क पर चल रहे लोगों के अलावा कोई उनके स्वागत के लिए नहीं खड़ा था। इस विफलता के बाद अमित शाह ने अगले दिन का मार्च रद्द कर दिया, जो वह कन्नूर में मेरे घर के सामने से निकालने वाले थे।"विजयन ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार राज्य में किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ केंद्र की पूरी ताकत का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, "मार्च के लिए केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद सभी केरल आए। हालांकि इसे भाजपा का मार्च बताया गया, लेकिन असल में इसके पीछे आरएसएस थी। आरएसएस प्रमुख ने विजयदशमी के अपने संबोधन में केरल पर हमला बोला था और उनके संबोधन के बाद इस मार्च का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने वेनगारा में विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर संतोष जताया, जहां पार्टी को सबसे आगे लाने के आरएसएस के प्रयासों के बीच भाजपा चौथे स्थान पर खिसक गई।  हालांकि, यहां वाम मोर्चा चुनाव हार गया, लेकिन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के वर्चस्व वाले क्षेत्र में उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है और उसे 40,000 से अधिक वोट मिले। गोमांस प्रतिबंध से जुड़े विवादों पर उन्होंने कहा कि भाजपा, आरएसएस की असहिष्णुता की नीतियों को लागू कर रही है।उन्होंने कहा, "लोगों की खाने-पीने की आदतें भिन्न होती हैं। क्या कोई कह सकता है कि तुम्हें वही खाना चाहिए, जो मैं खाता हूं? अगर कोई ऐसा करता है, तो क्या समाज इसे स्वीकार करेगा? लेकिन वे (भाजपा) उच्च स्तर की असहिष्णुता के साथ इसे जबरन लाद रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे सत्ता में हैं। कथित तौर पर दक्षिणपंथी ताकतों द्वारा बुद्धिजीवियों की हत्याओं के बारे में उन्होंने कहा, "आपका विचार मेरे विचार से अलग हो सकता है और मैं खुलकर उसका विरोध कर सकता हूं और हमारे देश में यही परंपरा रही है। लेकिन, अब जो लोग आवाज उठाते हैं, उनकी हत्या कर दी जाती है। पनसारे, दाभोलकर मारे गए। फिर गौरी लंकेश और शांतनु। इस सबसे उच्च स्तर की असहिष्णुता जाहिर होती है।"


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