नई दिल्ली, 25 जुलाई, (वीएनआई) संसद के मानसून सत्र में बीते मंगलवार को लोकसभा में भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक 2018 पास हुआ है, राज्यसभा से पहले ही ये बिल पास हो गया था। इस विधेयक के पास होने के बाद भ्रष्टाचार के मामलों पर लगाम लगेगी, वहीं ईमानदार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
लोकसभा में बीते मंगलवार को भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पास हो गया। राज्यसभा में यह बिल पिछले हफ्ते ही पास हुआ था। नए पास हुए विधेयक में 1988 के मूल कानून को संशोधित करने का प्रावधान है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस कानून के तहत रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध होगा। अगर कोई ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि रिश्वत देने वालों को अपनी बात रखने के लिए सात से 15 दिन का समय दिया जाएगा।
पीएमओ में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक उन अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करता है जो ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इसमें कई संशोधन लाए हैं जिससे ईमानदार अधिकारी भयभीत नहीं हों।जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इस "ऐतिहासिक कानून" में भ्रष्टाचार के मामलों को तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने का प्रावधान है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी भ्रष्टाचार के मामले में, हम सामान्य रूप से दो साल में फैसले के लिए दिशानिर्देश लाएंगे। इस कानून के जरिए सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का है साथ ही अच्छे काम का माहौल सुनिश्चित करना है।
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