पटना, 11 सितंबर (वीएनआई)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राष्ट्रीय जनता दल की रविवार को भागलपुर में आयोजित 'सृजन के दुर्जनों का विसर्जन' रैली पर तंज कसते हुए कहा कि यह 'आत्मघाती नुक्कड़ नाटक' थी। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यह रैली नुक्कड़ नाटक से ज्यादा कुछ नहीं थी और उससे नुकसान उन्हीं लोगों को होने वाला है।
पटना में लोक संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, रैली में कैसी-कैसी बातें की गईं? लोगों ने मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दीं। लोगों की जुबान काबू में नहीं रहती। मैं तो ऐसी बातों का संज्ञान नहीं लेता और न ही इसका कोई जवाब देता हूं। नीतीश कुमार ने संवाददाताओं के एक प्रश्न पर जवाब देते हुए कहा, सृजन घोटाले को सार्वजनिक किसने किया? मेरे संज्ञान में आते ही सबसे पहले मैंने ही विशेष जांच दल गठित कर जांच का आदेश दिया। जब इसकी जांच का क्षेत्र बड़ा होने लगा तो तत्काल सीबीआई जांच की अनुशंसा की।
सीबीआई की निष्पक्ष जांच पर सवाल उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जांच चल रही है और परत-दर-परत खुल रही है। सरकार को जो करना था कर चुकी, अब लोगों को जो कहना हो कहें, लेकिन जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। नीतीश ने आगे कहा कि जिन्हें सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं या इस घोटाले को लेकर उनके पास कोई दस्तावेज है तो उन्हें अदालत जाना चाहिए या सीबीआई को दस्तावेज उपलब्ध कराने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को भी अपनी बात कहने का हक है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को भागलपुर में राजद की रैली में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को सृजन का सृजनकर्ता बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। गौरतलब है कि सृजन घोटाले में सरकारी खाते से 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि निकालकर एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा निजी तौर पर उपयोग करने का आरोप है।
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