नागपुर, 18 अक्टूबर, (वीएनआई) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है, इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया। इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद रहे।
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में बड़ा बयान देते हुए कहा कि रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बने इसलिए सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए। यह हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं है. यह भारत का प्रतीक है और जिस रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, मंदिर का निर्माण होना चाहिए। वहीं उन्होंने सबरीमाला मंदिर विवाद पर कहा कि सबरीमाला के निर्णय का उद्देश्य स्त्री-पुरुष समानता का था, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा का सम्मान नहीं किया गया, आस्था की चोट काफी बड़ी होती है। भारत के अंदर होने वाली हिंसा हमारे देश के लिए ठीक नहीं है, इस पर काम करना होगा। धर्म के मुद्दे पर धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि एससी-एसटी वर्ग से आने वाले समाज के वंचित समूह, प्रताड़ित लोगों को मजबूत करने की जरूत है। उन्होंने अर्बन नक्सल की अवधारणा का भी जिक्र करते हुए कहा कि देश में चले छोटे आंदोलनों में भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वाले भी दिखे, सोशल मीडिया पर इनका प्रचार चल रहा है और उसका कंटेंट पाकिस्तान, इटली, अमेरिका से आ रहा है। भागवत ने बिना नाम लिए एससी-एसटटी ऐक्ट पर पैदा हुए हालिया गतिरोध का भी जिक्र किया। उन्होंने एक तरह से मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि समाज में फैल रहे असंतोष का हल करना होगा, दबे लोगों को उनका हक देना ही होगा ना कि उनकी आवाज को दबाना होगा।
No comments found. Be a first comment here!