लखनऊ, 2 दिसम्बर (वीएनआई)। बसपा अध्यक्ष मायावती उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बसपा के प्रदर्शन से खुश हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं। उन्होंने कहा कि यदि 2019 में मतपत्र से लोकसभा चुनाव हो तो भाजपा नहीं जीत पाएगी।
बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानंद को आज श्रद्धांजलि देने पहुंची बसपा अध्यक्ष मायावती ने निकाय चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर की और कहा, दलित समुदाय के अलावा समाज के सवर्ण और पिछड़े वर्ग ने भी बसपा को समर्थन दिया और यह पार्टी के लिए अच्छा संकेत है। साथ ही मुस्लिमों का समर्थन भी हमें हासिल है। उन्होंने भाजपा पर वार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने निकाय चुनाव में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया, नहीं तो बसपा के और उम्मीदवार मेयर पद पर जीत हासिल करते। मायावती ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद बसपा नंबर दो पर रही।
मायावती ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, यदि भाजपा का लोकतंत्र में भरोसा है तो उसे 2019 के चुनाव में ईवीएम को हटाकर मतपत्र से चुनाव कराना चाहिए। मैं दावा करती हूं कि मतपत्र का इस्तेमाल किया गया तो भाजपा सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि 2014 में ईवीम में गड़बड़ी कर भाजपा को केंद्र की सत्ता मिली थी। प्रदेश विधानसभा चुनाव में 2017 में पूर्ण बहुमत से बसपा की सरकार बननी थी, लेकिन ईवीएम में छेड़खानी कर दी गई। अखिलेश यादव की पार्टी सपा के बारे में किए गए सवाल पर मायावती ने कहा, "हम तो अपनी पार्टी की बात करते हैं। सपा की बात अखिलेश यादव से पूछो। सपा से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, हम सभी को साथ लेकर चल रहे हैं। मुस्लिम, पिछड़े और दलित हमारे साथ ही है, इससे बड़ा गठबंधन और क्या हो सकता है।
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