बेंगलुरु, 05 जुलाई, (वीएनआई), कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आज विधान सौध में 2018-19 के लिए बजट पेश किया। मुह्यमंत्री ने बजट में चुनावी वादे को करते हुए 2 लाख रुपये या उससे कम का लोन लेने वाले किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की। हालांकि इस राहत के साथ ही पेट्रोल, डीजल और बिजली की कीमत बढ़ने से किसानों के साथ ही आम जनता के लिए चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) की चल रही गठबंधन सरकार में कई दिनों की खींचतान के बाद मुख्यमंत्री ने बजट में कर्जमाफी के लिए 34,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने 2,13,734 करोड़ के बजट का ऐलान करते हुए कहा कि वह सिद्धारमैया सरकार की सभी योजनाओं को जारी रखेंगे। सर्विस और ऐग्रिकल्चर सेक्टर पर फोकस रखा गया है। उन्होंने जानकारी दी कि साल 2016-17 में वृद्धि दर 7.5% थी जो 2017-18 में बढ़कर 8.5% पहुंच गई। सरकार की प्राथमिकता किसानों के कर्ज माफ करने के लिए संसाधन जुटाने पर है। उन्होंने भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को नए कर्ज लेने में मदद करने के लिए सरकार डिफॉल्टिंग अकाउंट्स से एरियर खत्म कर देगी जिससे कि क्लियरेंस सर्टिफिकेट आसानी से मिल सकेंगे। इसके लिए 6500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पहले चरण में 31 दिसंबर 2017 तक लिए गए कर्ज माफ किए जाएंगे। जिन किसानों ने तय समय के अंदर कर्ज चुका दिए हैं, उन्हें प्रोत्साहन के तौर पर चुकाई गई राशि या 25,000, जो भी कम हुआ, सरकार चुकाएगी।
गौरतलब है कि पहले से चली आ रही योजनाओं और नई योजनाओं के साथ ही कर्जमाफी के साथ सरकार संतुलन कैसे बनाएगी। जेडीएस ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कोऑपरेटिव और राष्ट्रीकृत बैंकों से लिए गए सभी कर्ज सत्ता में आने के 24 घंटे बाद माफ करने का वादा किया था। सरकार जहां एक ओर किसानों के कर्जमाफ कर खुश करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल, डीजल और बिजली के दाम बढ़ाकर उन्हें होने वाले फायदे पर सवाल खड़ा कर दिया। बजट में पेट्रोल टैक्स में 30% से 32% और डीजल पर 19% से 21% की बढ़ोतरी की है।
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