बेंगलुरू, 26 जनवरी (वीएनआई)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज गरीबों को रियायती कीमत पर खाना उपलब्ध कराने वाली 24 'मोबाइल इंदिरा कैंटीन' को हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने शहर के मध्य स्थित विधानसभा भवन से 24 मोबाइल कैंटीन को हरी झंडी दिखाई। बेंगलुरू नगर निगम के प्रवक्ता एल. सुरेश ने कहा, यह अस्थाई कैंटीन 24 वार्डो में प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर जाकर नाश्ते के साथ-साथ दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराएगीं। वित्त मंत्री का भी पदभार संभालने वाले सिद्धारमैया ने वित्त वर्ष 2017-18 में निगम के सभी 198 वार्डो में कैंटीन खोलने के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। कर्नाटक में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
नगर में जमीन की कमी को देखते हुए सरकार ने स्थाई कैंटीन के बजाए मोबाइल कैंटीन खोलने का निश्चय किया। इन कैंटीन में पांच रुपये में शाकाहारी नाश्ता तथा 10 रुपये में दोपहर और रात का खाना मिला करेगा। यह सभी कैंटीन खास तरीके से बनाए गए टेंपो ट्रैवलर में संचालित की जाएंगी। इन वाहनों में सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस तंत्र लगा होगा जिससे वाहन कहां पर है, इसका पता चल सकेगा। कैंटीन को बिजली उपलब्ध कराने के लिए वाहनों पर सौर पैनल लगे हैं। वाहनों की छत पर पेयजल की टंकी और उपयोग किए गए पानी को उकट्ठा करने के लिए वाहन के अंदर एक हौदी बनाई गई है।
कर्नाटक को 'भूख मुक्त' बनाने के उद्देश्य से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 16 अगस्त 2017 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से इन कैंटीन का अनावरण किया था। निगम में वर्तमान में 150 वार्ड में कैंटीन काम कर रही हैं जिन्हें 12 रसोइघरों से खाना पहुंचाया जाता है। सरकार ने अक्टूबर 2017 में 185 करोड़ रुपयों से राज्य के सभी 30 जिलों और उनके उप जिलों में 246 कैंटीनें संचालित करने का निर्णय किया था। राज्य में सभी कैंटीन पर प्रतिदिन 29 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आता है। यह कैंटीनें पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा शुरू की गई 'अम्मा कैंटीन' की अवधारणा पर आधारित हैं।
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